नहीं मिले डॉक्टर, सीएमओ ने कहा तोड़ दो दरवाजा
सरकारी अस्पतालों में रात में डॉक्टर किस तरह मरीजों की सेवा कर रहे हैं इसका दर्दनाक उदाहरण क्षेत्र के किशुनगंज सीएचसी पर देखने को मिला। प्रसव के लिए लाई गई महिला को देखने के लिए घर के लोग दो घंटे तक डॉक्टर का दरवाजा पीटते रहे पर वह नहीं निकले। इस पर झल्लाए सीएमओ ने कहा कि तोड़ दो दरवाजा। यह मामला पुलिस तक पहुंच गया है।
जगेसरगंज : सरकारी अस्पतालों में रात में डॉक्टर किस तरह मरीजों की सेवा कर रहे हैं, इसका दर्दनाक उदाहरण क्षेत्र के किशुनगंज सीएचसी पर देखने को मिला। प्रसव के लिए लाई गई महिला को देखने के लिए घर के लोग दो घंटे तक डॉक्टर का दरवाजा पीटते रहे, पर वह नहीं निकले। इस पर झल्लाए सीएमओ ने कहा कि तोड़ दो दरवाजा। यह मामला पुलिस तक पहुंच गया है।
संग्रामपुर अमेठी थाना क्षेत्र के भावलपुर मोहरिया गांव निवासी राहुल दुबे अपनी पत्नी महिमा को अंतू क्षेत्र के संडवा चंद्रिका किशुनगंज सीएचसी पर रात करीब आठ बजे एंबुलेंस से लाए। प्रसव के लिए भर्ती कराए। वहां मौजूद एएनम ने प्रसव कराया। पैदा होते ही शिशु ने दम तोड़ दिया। इस पर स्वजन रोने-बिलखने लगे। कहा कि लापरवाही से प्रसव कराने के कारण नवजात शिशु की जान गई। कमरे में मौजूद रहने के बाद भी डॉक्टर देखने नहीं आए। अस्पताल आने पर दो घंटे तक डॉक्टर का दरवाजा पीटते रहे। यही नहीं सूचना पुलिस को दी तो वह भी आई, पर दरवाजा न खुलवा सकी। इस पर पीड़ित ने सीएमओ को रात में सूचना दी। इस पर सीएमओ ने कहा कि डॉक्टर नहीं निकल रहे हैं तो उनके कमरे का दरवाजा आप लोग तोड़ दीजिए। इस पर पीड़ित असहज हुआ तो सीएमओ ने कहा कि मैं तो इतनी दूर से नहीं आ सकता हूं। ऐसे में आप लोग डॉक्टर का दरवाजा तोड़कर बच्चे की जान पहले बचाएं। बहरहाल राहुल ने अंतू थाने में जाकर तहरीर दी। इसमें डाक्टर व एएनएम को जिम्मेदार ठहराया और मुकदमा दर्ज करने की मांग की। हालांकि इस मामले में सीएचसी अधीक्षक डॉ. सुनील कुमार यादव ने पल्ला झाड़ लिया। कहा कि बच्चा मृत पैदा हुआ था। लापरवाही का आरोप गलत है।