जिला अस्पताल के आक्सीजन प्लांट में फिर खराबी, खलबली
जिला अस्पताल में लगे आक्सीजन प्लांट में फिर तकनीकी खराबी आ गई है। बुधवार रात यह बंद हो गया। जानकारी होने पर अस्पताल प्रशासन में खलबली मच गई। मरीजों पर संकट मंडराता देख अस्पताल प्रशासन को आक्सीजन की वैकल्पिक व्यवस्था करनी पड़ी है।
जासं, प्रतापगढ़ : जिला अस्पताल में लगे आक्सीजन प्लांट में फिर तकनीकी खराबी आ गई है। बुधवार रात यह बंद हो गया। जानकारी होने पर अस्पताल प्रशासन में खलबली मच गई। मरीजों पर संकट मंडराता देख अस्पताल प्रशासन को आक्सीजन की वैकल्पिक व्यवस्था करनी पड़ी है।
जिला अस्पताल में आक्सीजन का प्लांट लगा है। इसकी पाइप लाइन इमरजेंसी वार्ड, सर्जिकल वार्ड, मेडिकल वार्ड, चिल्ड्रेन वार्ड में गई है। बेड पर ही मरीजों को जरूरत पड़ने पर आक्सीजन दी जाती है। इस प्लांट में एक बार मंगलवार की रात मामूली खराबी आई। उसे स्थानीय तकनीकी कर्मी ने सुधार लिया, जिससे कोई दिक्कत नहीं आई। इसके बाद बुधवार की रात फिर खराबी आने से प्लांट ठप हो गया। वहां अलग-अलग वार्ड में उन मरीजों के सामने संकट पैदा हो गया, जिन्हें आक्सीजन की जरूरीत थी। वहीं अस्पताल प्रशासन के होश उड़ गए। सीएमएस डॉ. पीपी पांडेय ने इसे लगाने वाली लखनऊ की एजेंसी के प्रभारी को सूचना दी है। वह एक-दो दिन में आने को कहे हैं। तब तक सिलेंडर से काम चलाया जा रहा है। यह यहां की पहली खराबी नहीं है। अभी एक महीने पहले भी इसमें गड़बड़ी आने से प्राण वायु का संकट पैदा हो गया था। इसे करीब 25 दिन के बाद बनाकर चलाया गया था। तब तक सिलेंडर खरीदकर मरीजों को सप्लाई दी गई थी। अब फिर से वैसा ही संकट आ गया है। कोरोना का संकट अभी बना हुआ है। मौसम भी कहर बरपा रहा है। ऐसे में गंभीर मरीजों को आक्सीजन की सख्त जरूरत होती है। इसमें प्लांट की खराब आना भारी पड़ सकता है। अस्पताल प्रशासन ने हर दिन आठ सिलेंडर के हिसाब से व्यवस्था की है। इस बारे में सीएमएस डॉ. पीपी पांडेय ने बताया कि खराबी आई है। पहली बार से यह गड़बड़ी अलग तरह की है। इसके बारे में एजेंसी को बताया गया है। उसकी टीम आने पर ही यह बन सकेगा। तब तक मरीजों को दिक्कत न होने पाए, इसके लिए पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है।