ओडीएफ की बकाया किस्त के 13 लाख 76 हजार नहीं मिले
प्रतापगढ़ जिले में पिछले चार साल में तीन लाख 74 हजार 926 शौचालय बनाने का लक्ष्य था। इसके सापेक्ष अभी तक तीन लाख 10 हजार 633 शौचालय ही बन सके। इसमें पंचायत सचिव की लापरवाही से लक्ष्य के सापेक्ष शौचालय का निर्माण का लक्ष्य अटका पड़ा है। यानि अभी तक शासन से ओडीएफ की बकाया किस्त के 13 लाख 76 हजार रुपये नहीं मिले।
संसू, प्रतापगढ़ : खुले में शौच से जिला मुक्त हो चुका है। यह संभव हुआ शासन की स्वच्छ भारत मिशन योजना से। चार साल के भीतर जनपद में तीन लाख 74 हजार 926 शौचालय बनाने का लक्ष्य था। इसके सापेक्ष अभी तक तीन लाख 10 हजार 633 शौचालय ही बन सके। इसमें पंचायत सचिव की लापरवाही से लक्ष्य के सापेक्ष शौचालय का निर्माण का लक्ष्य अटका पड़ा है। यानि अभी तक शासन से ओडीएफ की बकाया किस्त के 13 लाख 76 हजार रुपये नहीं मिले।
इसमें आसपुर देवसरा में लक्ष्य 21001 के सापेक्ष 16615, बाबा बेलखरनाथ धाम ब्लाक में 18339 के सापेक्ष 16266, बाबागंज में 23018 के सापेक्ष 18757, बिहार में 31954 के सापेक्ष 24836 शौचालय का निर्माण पूरा हो पाया है। इसके अलावा गौरा में 26633 के सापेक्ष 21783, कालाकांकर में 19116 के सापेक्ष 17897, कुंडा में 34474 के सापेक्ष 31570, लक्ष्मणपुर में 17014 के सापेक्ष 13864, लालगंज में 19040 के सापेक्ष 18628, मंगरौरा में 21366 के सापेक्ष 16034, मानधाता में 20984 के सापेक्ष 18053, पट्टी में 13426 के सापेक्ष 11366, सदर में 20516 के सापेक्ष 16451, रामपुर संग्रामगढ़ में 23089 के सापेक्ष 19505, संडवा चंद्रिका में 18860 के सापेक्ष 14353, सांगीपुर में 26050 के सापेक्ष 19979 व शिवगढ़ ब्लाक में लक्ष्य 19326 के सापेक्ष 14675 शौचालय का ही निर्माण हो सका है। शौचालय के नाम पर जिले में करोड़ों रुपये खर्च हो गए। साल भर पहले दो अक्टूबर को जिला ओडीएफ भी घोषित हो गया। 10 हजार रुपये के हिसाब से 1241 ग्राम पंचायतों के खाते में भेज दी गई। प्रधान ने फर्म व अन्य के माध्यम से निर्माण कार्य कराया। वहीं अभी तक 688 ग्राम पंचायतों को शौचालय की दो हजार की किश्त ग्राम पंचायत के खाते में नहीं पहुंची। प्रधानों ने उधार व क्रेडिट पर फर्म के जरिए शौचालय का निर्माण करा लिया। शासन में बजट न मिलने से ग्राम पंचायत को 13.76 लाख नहीं मिल सके। इसके लिए वह डीपीआरओ कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। ग्राम पंचायतों में बने शौचालय का सत्यापन कराया जाएगा। यह देखा जाएगा के निर्माण गाइड लाइन के मुताबिक हुआ है कि नहीं। इसके बाद ही दो हजार की किश्त भेजी जाएगी।
- धीरेंद्र प्रताप सिंह, सीडीओ
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...अब भी खुले में शौच जाना उनकी मजबूरी
संसू, पट्टी : ओडीएफ को लेकर तमाम कवायद के बावजूद पट्टी तहसील में अभी भी लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। कहीं शौचालय पूरा नहीं हुआ है तो किसी शौचालय में दरवाजे नहीं है। किसी शौचालय का टैंक भर गया हैं तो कहीं शौचालय के पास पानी जमा हो गया है। जागरण पड़ताल में इस तरह के तमाम शिकायतें मिली।
संसू दीवानगंज के अनुसार विकास क्षेत्र बाबा बेलखरनाथ धाम ब्लाक के लगभग 18 हजार 339 चिहित परिवारों के लिए आए शौचालयों में अभी भी 1834 परिवारों का शौचालय जियो टैग सहित अन्य प्रक्रियाओं के पूर्ण न होने के कारण नहीं बन पाया है। इससे अभी भी विभिन्न गांव के दो हजार परिवार आज भी खुले में शौच जा रहे हैं। जागरण की पड़ताल में जब टीम ब्लाक के चलाकपुर कुर्मियान गांव में पहुंची तो यहां निवास करने वाले 200 परिवारों में 170 परिवारों के पास शौचालय था, लेकिन लगभग 30 परिवार आज भी खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं। कारण जियो टैग सहित कई औपचारिकताएं अभी पूरी नहीं की गई हैं। कमोवेश यही स्थिति पूरे पांडेय गांव की पड़ताल में रही। यहां के ढाई सौ परिवारों में 217 परिवारों का शौचालय बना है। गांव के राजेंद्र सिंह, सूबेदार सिंह, राम गोपाल गुप्ता, छोटू गुप्ता,रामसरन सहित चार दर्जन लाभार्थी आज भी फेस टू सर्वे में लंबित हैं। इससे उनका शौचालय नहीं बन पाने से वह खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। एडीओ पंचायत प्यारेलाल सरोज ने बताया कि बाबा बेलखरनाथ धाम ब्लाक में 18 हजार 339 परिवार शौचालय के लिए चिहित किए गए थे। 90 प्रतिशत परिवार का शौचालय बन कर तैयार हो गया है। जियो टैग सहित अन्य प्रक्रिया की जा रही है, जल्द ही सभी गांव खुले में शौच मुक्त हो जाएंगे।
इसी तरह ढकवा प्रतिनिधि के अनुसार आसपुर देवसरा क्षेत्र के ग्रामसभा छतौना में 207 शौचालयों का निर्माण हुआ है। अभी तीन दर्जन और शौचालय बनने हैं। पंद्रह लोगों को आज भी शौचालय नहीं हैं। दर्जनों शौचालयों के दरवाजे टूटे हैं, जो प्रयोग नहीं किए जा रहे हैं। ऐसे में लोग खुले में शौच जाने को विवश हैं। सदहा प्रतिनिधि के अनुसार धर्मेंद्र कुमार वर्मा पुत्र बजरंगी वर्मा निवासी पचौरी का कहना है कि जिस जगह पर शौचालय बना है, वह जगह जाने लायक नहीं है। गौहानी निवासी रामकरन विश्वकर्मा का शौचालय पूरी तरह टूट चुका है। दरवाजा टूट जाने की वजह से यह कभी उपयोग में नहीं रहा घर वाले बाहर को शौच जाने को विवश है।