राम जन्म पर दशरथ ने बांटे हेलमेट
सदर क्षेत्र के बबुरहा की रामलीला में इसी मकसद से इस बार नया प्रयोग किया गया। सड़क हादसे में किसी का राम नाम सत्य न हो इसके लिए समिति चितित है। इधर सरकार ने भी हेलमेट लगाकर चलने पर जोर दिया है। इसको लेकर रामलीला के मंच पर जब राम जन्म का प्रसंग प्रस्तुत किया गया तो राजा दशरथ के हाथ में हेलमेट देख दर्शकों का कौतूहल बढ़ गया। सवाल उठा कि क्या राजा दशरथ अब हेलमेट लगाएंगे। कुछ देर बाद कौतूहल शांत करते हुए अयोध्या नरेश ने प्रजा में हेलमेट बांटना शुरू किया। कहा कि यह लल्ला के जन्म का उपहार है।
राज नारायण शुक्ल राजन, प्रतापगढ़ : भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम थे। उनकी लीलाएं गांव-गांव रामलीला के मंचों पर दिखाई जाती हैं, ताकि लोग उनके जीवन चरित्र से सीख लें। आज वही रामलीला मंच वर्तमान चुनौतियों से पार पाने की सीख भी देने लगे हैं। त्रेता युग में जब प्रभु राम का जन्म हुआ तो अयोध्या में राजा दशरथ ने जेवरात लुटाए थे, अब रामलीला में राम जन्म हुआ तो मंच पर राजा दशरथ ने हेलमेट बांटकर जीवन रक्षा का संदेश दिया। बताया कि सुरक्षित सफर के लिए हेलमेट का जरूर उपयोग करें।
रामलीला केवल मनोरंजन के लिए नहीं होती। उससे कोई संदेश भी मिलना चाहिए। सदर क्षेत्र के बबुरहा की रामलीला में इसी मकसद से इस बार नया प्रयोग किया गया। सड़क हादसे में किसी का राम नाम सत्य न हो, इसके लिए समिति चितित है। इधर सरकार ने भी हेलमेट लगाकर चलने पर जोर दिया है। इसको लेकर रामलीला के मंच पर जब राम जन्म का प्रसंग प्रस्तुत किया गया तो राजा दशरथ के हाथ में हेलमेट देख दर्शकों का कौतूहल बढ़ गया। सवाल उठा कि क्या राजा दशरथ अब हेलमेट लगाएंगे। कुछ देर बाद कौतूहल शांत करते हुए अयोध्या नरेश ने प्रजा में हेलमेट बांटना शुरू किया। कहा कि यह लल्ला के जन्म का उपहार है। इसे लगाकर सुरक्षित चलें, ताकि हर साल मंचन देख सकें। आप लोग खुद लगाएं और पूरे समाज को सुशिक्षित करें कि हेलमेट कितना जरूरी है, प्राणों का रक्षक है। अयोध्या-प्रयागराज हाईवे के किनारे बसे गांव में इस रामलीला की शुरुआत नई पीढ़ी को संस्कार सिखाने के लिए बीएल पटेल व राजेश श्रीवास्तव ने की थी।