प्रचार सामग्री के इंतजाम में लग गए दावेदार
पंचायत चुनाव की तारीख अभी घोषित तो नहीं हुई है पर पोस्टर-बैनर युद्ध शुरू हो गया है। चुनाव के मैदान में उतरने वाले पोस्टर बैनर का इंतजाम भी बड़े पैमाने पर कर रहे हैं।
जासं, प्रतापगढ़ : पंचायत चुनाव की तारीख अभी घोषित तो नहीं हुई है, पर पोस्टर-बैनर युद्ध शुरू हो गया है। चुनाव के मैदान में उतरने वाले पोस्टर बैनर का इंतजाम भी बड़े पैमाने पर कर रहे हैं।
वह इस तैयारी में हैं कि चुनाव की तारीख घोषित होने पर इस तरह के इंतजाम के लिए परेशान न होना पड़े। वह अपने पोस्टर, बैनर, पर्चे, बिल्ले बनवा रहे हैं। उसमें अपनी तस्वीर व नारे दर्ज करा रहे हैं। केवल चुनाव निशान की जगह छोड़ दे रहे हैं, ताकि निशान मिलने पर उसे चस्पा करके प्रचार युद्ध को और तेज कर सकें। इसके लिए जिले के प्रिटिग प्रेस ही नहीं वह लखनऊ, प्रयागराज तक का चक्कर लगा रहे हैं। आकर्षक सामग्री की उनको तलाश है। इसको लेकर प्रेस संचालक भी कमर कस रहे हैं। वह प्रचार सामग्री मंगा कर डंप कर रहे हैं। कई ने तो अलग-अलग चुनाव निशान का पोस्टर छाप रखा है। मांग होने पर उसमें ग्राहक का नाम व ग्राम पंचायत का नाम छापकर दे देंगे।
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इंटरनेट मीडिया पर जोड़ रहे हाथ
पंचायत के चुनाव में इस बार प्रचार की दौड़ इंटरनेट मीडिया पर भी खूब हो रही है। युवा खुद प्रचार कर रहे हैं। जो दावेदार बुजुर्ग या अधेड़ हैं उनके प्रचार की कमान बेटे, बेटी, रिश्तेदारों ने संभाल ली है। वह वाट्सएप व मैसेज के जरिए दावेदार को महान समाजसेवी, पढ़ा-लिखा, जनसेवक, मृदुभाषी, मिलनसार साबित कर रहे हैं।
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बना रहे नए ग्रुप भी
डिजिटल दौर में अधिकांश दावेदार इंटरनेट मीडिया का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं। मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रत्याशी अनोखे स्लोगन शेयर कर रहे हैं। कई ने तो अपने नाम से वाट्सएप ग्रुप तक बना रखे हैं। उस पर सुबह का नमस्ते, रात की दुआ बंदगी की जा रही है।
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मुंबई और दिल्ली के भाइयों को भी बंदगी
यही नहीं मुंबई, बंगलूर, सूरत, अहमदाबाद, पुणे और दिल्ली जैसे महानगरों में रहने वाले गांव के लोगों की भी याद सताने लगी है। उन्हें तरह-तरह के प्रलोभन दिये जा रहे हैं। आने-जाने के लिए टिकट और कई तरह से सपने दिखाए जा रहे हैं, ताकिचुनाव में वह उनके पक्ष में आकर मतदान कर सकें।