गीता व रामायण के समान हैं संविधान : न्यायमूर्ति विवेक
हमारा संविधान गीता व रामायण के समान है। संविधान सबसे ऊपर है। इसी के साथ वादकारी का हित सर्वोपरि है। हमें पूरी ईमानदारी व मेहनत से अपने वादकारी का पक्ष रखना चाहिए। मानव की सेवा ही हमारा धर्म होना चाहिए।
प्रतापगढ़ : हमारा संविधान गीता व रामायण के समान है। संविधान सबसे ऊपर है। इसी के साथ वादकारी का हित सर्वोपरि है। हमें पूरी ईमानदारी व मेहनत से अपने वादकारी का पक्ष रखना चाहिए। मानव की सेवा ही हमारा धर्म होना चाहिए। यह विचार उच्च न्यायालय इलाहाबाद के न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह ने अधिवक्ता परिषद के तत्वावधान में संविधान दिवस पर कचहरी में आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि हमेशा बार व बेंच का सामंजस्य होना चाहिए। हमें अपने आचरण व व्यवहार से ऐसा माहौल बनाना चाहिए, जिससे समाज को दिक्कत न हो। अधिवक्ता का हित उसके हाथ में होता है। भाग्यवान व्यक्ति ही वकील बनता है। वकील का रोल समाज में अहम होता है। उन्हें अधिवक्ताओं से बहुत प्रेम है।
उच्च न्यायालय के अपर महाधिवक्ता संजय सिंह सोमवंशी ने कहा कि संविधान दिवस को उत्साह से मनाना हमारा दायित्व है। अपर महाधिवक्ता कुलदीप पति त्रिपाठी ने अधिवक्ता परिषद के कार्यो के बारे में प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता अधिवक्ता परिषद के प्रतापगढ़ इकाई के अध्यक्ष महेश कुमार गुप्ता व संचालन महामंत्री मनोज सिंह ने किया।
इस मौके पर डीजीसी योगेश शर्मा, अनिल दुबे, राधेश्याम त्रिपाठी, संतोष दुबे, प्रदीप चित्रांशी, देवेशचंद्र त्रिपाठी, विक्रम सिंह, शिवेश शुक्ला, सतीश दुबे, रवी द्विवेदी आदि मौजूद रहे।
संविधान दिवस पर जन शिक्षण संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में निदेशक यूपी सिंह ने बताया कि 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने देश के संविधान को अंगीकृत किया था। संविधान की प्रस्तावना हमें हमारे संविधान के प्रकृति के बारे में बताती है। उन्होंने कहा कि सभी देश वासियों को संवैधानिक कानूनों एवं नियमों का पालन करते हुए राष्ट्र को प्रगति के पथ पर ले जाना है।
इसी क्रम में डा.भीमराव आंबेडकर अधिवक्ता फोरम द्वारा कलेक्ट्रेट में आयोजित संगोष्ठी में वकीलों ने भारत के संविधान का पालन करने की शपथ ली। फोरम के अध्यक्ष मुकुंद राव वर्मा ने कहा कि बाबा साहेब ने जो संविधान में लिखा है, उसे हर देशवासी को आत्मसात करना चाहिए। संचालन कर रहे सुरेश चंद्र सुमन ने कहा कि संविधान हमारे देश का अमूल्य धरोहर है। इस मौके पर संरक्षक अशोक कुमार, धर्मवीर, विनोद कुमार, गुलाबचंद्र, गनेश सरोज, रियासत अली, प्रेम प्रकाश, प्रमोद कुमार, लालचंद्र, राघवेंद्र कुमार आदि मौजूद रहे।