डेंगू से बालक की मौत, ग्रामीणों में दहशत
प्रतापगढ़ जिले में डेंगू का शिकंजा कसता जा रहा है। इससे सबसे अधिक प्रभावित पट्टी इलाका है
प्रतापगढ़ : जिले में डेंगू का शिकंजा कसता जा रहा है। इससे सबसे अधिक प्रभावित पट्टी इलाका है। इस क्षेत्र में रविवार को एक बालक ने डेंगू की चपेट में आने से दम तोड़ दिया। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग मानने को तैयार नहीं है कि जिले में ऐसा कुछ संक्रमण है। लालगंज क्षेत्र में चिकित्सक तक की मौत हो चुकी है। कुंडा क्षेत्र में कई मामले सामने आ चुके हैं।
पट्टी प्रतिनिधि के अनुसार कोतवाली क्षेत्र के डडवा महोखरी गांव निवासी अंजनी तिवारी (12) पुत्र लालचंद तिवारी की डेंगू बुखार की चपेट में आने से रविवार की सुबह मौत हो गई। अंजनी गडौरी स्थित इंटर कालेज में कक्षा सात में पढ़ता था। दो दिनों पूर्व वह बुखार से पस्त हुआ तो परिवार के लोग उसे इलाज के लिए लेकर पट्टी ले आए। वहां निजी डाक्टर ने प्लेटलेट्स कम होने की बात बताई और उसे प्रयागराज ले जाने की सलाह दी। उसे प्रयागराज स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराकर इलाज शुरू किया गया, पर हालत में सुधार नहीं हुआ। परिजन पीजीआइ ले जाने की तैयारी में थे कि रविवार की सुबह उसकी सांसें थम गईं। उसकी मौत से मां संजना तो सदमे से अचेत हो गई। सीएमओ डा. ए.के. श्रीवास्तव का कहना है कि बालक की मौत की जानकारी नहीं है। अगर ऐसा हुआ है तो वहां पर टीम भेजी जाएगी। लोगों के खून का परीक्षण कराया जाएगा।
महीने भर में चिकित्सक समेत तीन मौतों से हड़कंप : तहसील क्षेत्र के डंडवा महोखरी गांव में महीने भर में तीन लोगों की मौत हो चुकी है। इससे हर घर में हड़कंप व दहशत है। गांव की खुशबू (20) पुत्री विनोद तिवारी की भी मौत डेंगू से हुई थी। इसी तरह श्यामा तिवारी पत्नी हरि शंकर (65) की भी मौत डाक्टरों ने प्लेटलेट्स कम होने के कारण बताया था। अब अंजनी की जान चली गई, जबकि गांव के ही निवासी राम कैलाश की पुत्री रुचि दुबे (22) वर्ष को डेंगू की शिकायत होने पर इलाज के लिए नई दिल्ली ले जाया गया है।