धान खरीद करने से कतरा रहे केंद्र प्रभारी
धान खरीद करने से केंद्र प्रभारी कतरा रहे हैं। इससे किसानों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। दूरदराज से किसान जब धान केंद्र पर लेकर आते हैं तो केंद्र प्रभारी उन्हें कोई न कोई बहाना बताकर वापस कर देते हैं। इससे जहां उनका समय बर्बाद हो रहा है वहीं वाहन का किराया भी उनको भरना पड़ रहा है। आए दिन केंद्रों पर धान ना खरीदे जाने की शिकायत डीएम समेत अफसरों के पास पहुंच रही है लेकिन उसके बाद भी किसानों की समस्याओं का निस्तारण नहीं हो रहा है। इसे लेकर किसानों में आक्रोश है। कई किसान ने आइजीआरएस पोर्टल मुख्यमंत्री संदर्भ सहित अन्य जगहों पर शिकायत की है।
प्रतापगढ़ : धान खरीद करने से केंद्र प्रभारी कतरा रहे हैं। इससे किसानों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। दूरदराज से किसान जब धान केंद्र पर लेकर आते हैं तो केंद्र प्रभारी उन्हें कोई न कोई बहाना बताकर वापस कर देते हैं। इससे जहां उनका समय बर्बाद हो रहा है, वहीं वाहन का किराया भी उनको भरना पड़ रहा है। आए दिन केंद्रों पर धान ना खरीदे जाने की शिकायत डीएम समेत अफसरों के पास पहुंच रही है, लेकिन उसके बाद भी किसानों की समस्याओं का निस्तारण नहीं हो रहा है। इसे लेकर किसानों में आक्रोश है। कई किसान ने आइजीआरएस पोर्टल, मुख्यमंत्री संदर्भ सहित अन्य जगहों पर शिकायत की है।
जिले में 15 अक्टूबर से धान खरीद हो रही है, जो फरवरी माह के पखवारे तक होनी है। लक्ष्य को केंद्र प्रभारियों ने पूरा कर लिया है। अभी भी सदर, लालगंज, पट्टी, कुंडा सहित अन्य इलाकों में सैकड़ों किसान ऐसे हैं जो अपना धान नहीं बेच पाए हैं। जब वह केंद्र पर पहुंचने लगे तो केंद्र प्रभारी बहाना करके उनको वापस कर रहे हैं। धान खरीद न होने से किसान काफी परेशान हैं। वह आए दिन केंद्रों पर देखे जा रहे हैं। आखिर में वह इस उम्मीद में है कि मेरा धान बिक जाए। कई किसानों ने मजबूरी में अपना धान पौने दाम पर बिचौलियों के हाथों बेच दिया है। कई बेचने की तैयारी में हैं। डिप्टी आरएमओ अजीत कुमार त्रिपाठी ने बताया कि धान खरीद का लक्ष्य पूरा हो चुका है। जिन किसानों का धान अभी नहीं बि क पाया है उनका सत्यापन कराकर धान खरीदा जा रहा है। कई शिकायतें आई थी कि किन प्रभारी किसानों को वापस कर रहे हैं। ऐसे केंद्र प्रभारियों को सचेत किया गया है फिलहाल पूरी पड़ताल के बाद ही अब किसानों का धान खरीदा जा रहा है। अगर किसानों को कोई दिक्कत हो तो वह संपर्क कर सकते हैं।