सकारात्मक दीपावली मनाएं, प्रदूषण न फैलाएं
स बार की दीपावली खुशियों के साथ चुनौती भी लेकर आ रही हैं। जिस तरह से देश के तमाम शहरों में स्माग का शिकंजा कस रहा है उससे हर किसी को सजग होना होगा। प्रतापगढ़ के बगल के जिले प्रयागराज में तो पटाखा बिक्री व इस्तेमाल पर रोक लग गई है। इस तरह की रोक से वहां वायु व ध्वनि प्रदूषण बेशक कम होगा।
जासं, प्रतापगढ़ : इस बार की दीपावली खुशियों के साथ चुनौती भी लेकर आ रही हैं। जिस तरह से देश के तमाम शहरों में स्माग का शिकंजा कस रहा है उससे हर किसी को सजग होना होगा। प्रतापगढ़ के बगल के जिले प्रयागराज में तो पटाखा बिक्री व इस्तेमाल पर रोक लग गई है। इस तरह की रोक से वहां वायु व ध्वनि प्रदूषण बेशक कम होगा। जिले के हर वर्ग के लोग इस बार की दीवाली को प्रदूषणरहित मनाने की तैयारी में हैं। दैनिक जागरण ने कुछ लोगों की राय ली तो सबने यही कहा कि कोरोना के खतरे के बीच यह दीपावली सादगी से मनाएंगे।
दीपावली को भारत की परंपरा के अनुसार मनाएं तो यह वातावरण को शुद्ध कर देगी। मिट्टी के दीये में सरसों या तिल का तेल, देसी घी डालकर बाती जलाएं। इसकी ऊर्जा वायरस के प्रभाव को नष्ट करने वाली होगी।
-डॉ. मनोज खत्री, वरिष्ठ चिकित्सक
महिलाओं की भी इस पर्व में खास जागरूकता की जरूरत है। वह अपने बच्चों को प्यार से समझाएं कि खतरे से न खेलें। दूसरों की मदद करके पर्व को यादगार बनाएं। महिलाएं यह जिम्मेदारी पुरुषों पर न छोड़ें
-पूनम गुप्ता, सामाजिक कार्यकर्ता
हम लोगों की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि हम समाज को जागरूक करें। हम लोग अपने संगठन के माध्यम से लोगों को चीन निर्मित लाइटों, पटाखों के इस्तेमाल से रोकने का प्रयास कर रहे हैं। इसे ओर तेज करेंगे।
-दीपेंद्र मिश्र, आरटीआइ एक्टिविस्ट
भगवान राम के अयोध्या आने पर प्रसन्नता के दीपक जलाए गए थे। किसी ने कोई पटाखा नहीं फोड़ा था। यह तो हम लोग हैं जो पर्व के वास्तविक स्वरूप को भूलकर दिखावे में आ गए हैं। मेरी सलाह है कि पटाखे न जलाएं।
-डॉ. एएन त्रिपाठी, पूर्व प्राचार्य एमडीपीजी कालेज