आलू व सरसों के लिए काल बन सकता है कोहरा
जासं, प्रतापगढ़ : ठंड बढ़ने से जहां गेहूं के किसानों के चेहरे पर रौनक है, वहीं कोह
जासं, प्रतापगढ़ : ठंड बढ़ने से जहां गेहूं के किसानों के चेहरे पर रौनक है, वहीं कोहरे से सरसों आलू आदि फसलों की खेती करने वाले किसानेां के माथे पर पसीना है। क्योंकि कोहरा इन फसलों के लिए काल बन सकता है। इससे इन फसलों में कई तरह के रोग लगते हैं।
इन दिनों जिले में कोहरे का प्रकोप है। घने कोहरे के कारण ठंडक भी बढ़ गई है। लगातार कोहरा पड़ने एवं तापमान में गिरावट खेती किसानी पर भारी पड़ेगी। इससे गेहूं की फसल को जहां फायदा होगा वहीं आलू एवं सरसों की फसल रोग ग्रस्त होगी। आलू की फसल में तेजी से झुलसा रोग बढ़ने के आसार हैं तो सरसों में माहूं रोग के फैलने का खतरा बढ़ गया है। इससे किसान ¨चतित हैं। अधिक ठंड व कोहरा आलू, मटर, सरसों, चना आदि फसलों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। जिला कृषि रक्षा अधिकारी जनार्दन प्रसाद बताते हैं कि कोहरे से आलू में झुलसा रोग लग जाता है। जिससे उसकी उत्पादकता काफी कम हो जाती है। इसी तरह सरसों में माहू रोग फैलता है। वे बताते हैं कि कोहरा छटने पर आलू की फसल में माइकोजेब अथवा सल्फर का छिड़काव करना चाहिए। सरसों को माहूं रोग से बचाने के लिए मोनोक्रोटोफास का छिड़काव करना होगा।
जिलों में फसलों का क्षेत्रफल
गेहूं की खेती 100051 हेक्टेयर, राई-सरसों की खेती 2345 हेक्टेयर, मटर 4939 हेक्टेयर, चना 3565 हेक्टेयर, मसूर 302 हेक्टेयर तथा आलू की खेती करीब 3500 हेक्टेयर में होती है।