मेन्यू दरकिनार, प्रसूताओं के स्वास्थ्य से खिलवाड़
जिला महिला अस्पताल में प्रसूताओं को नाश्ते व भोजन को मेन्यू के अनुसार नहीं दिया जा रहा है। शासन स्तर से जारी मेन्यू को ताक पर रखकर मनमाने तरीके से अस्पताल प्रशासन ने अपना मेन्यू बना रखा है। उसी के अनुसार भोजन वितरण होता है। अस्पताल में भर्ती प्रसूता व तीमारदार प्रतिदिन दोपहर व शाम को एक ही मेन्यू का भोजन कर ऊब चुके हैं। नाश्ते में भी मनमानी बरती जा रही है। इसे लेकर प्रसूताओं व तीमारदारों में खासी नाराजगी है।
संसू, प्रतापगढ़ : जिला महिला अस्पताल में प्रसूताओं को नाश्ते व भोजन को मेन्यू के अनुसार नहीं दिया जा रहा है। शासन स्तर से जारी मेन्यू को ताक पर रखकर मनमाने तरीके से अस्पताल प्रशासन ने अपना मेन्यू बना रखा है। उसी के अनुसार भोजन वितरण होता है। अस्पताल में भर्ती प्रसूता व तीमारदार प्रतिदिन दोपहर व शाम को एक ही मेन्यू का भोजन कर ऊब चुके हैं। नाश्ते में भी मनमानी बरती जा रही है। इसे लेकर प्रसूताओं व तीमारदारों में खासी नाराजगी है। जागरण की पड़ताल में इसका राजफाश हुआ।
दैनिक जागरण की टीम शनिवार दिन में साढ़े 11 बजे जिला महिला अस्पताल पहुंची। देखा तो सर्जिकल व मैटरनिटी वार्ड में भर्ती प्रसूता व तीमारदार भोजन का इंतजार कर रहे थे। हालांकि महज दस ही मिनट बाद भोजन बांटने वाला घंटी बजाते आ पहुंचा। रोज की तरह शनिवार को भी प्रसूताओं को भोजन में दाल, चावल, रोटी व सब्जी मिली। सबसे खास बात यह रही कि सलाद समेत कई चीजों का कभी वितरण नहीं हुआ। ज्यादातर दिनों में आलू व परवल की ही सब्जी दी जाती है। वहां के लोगों का यह कहना रहा कि रोज-रोज एक ही मेन्यू का भोजन करके मन ऊब चुका है। ऐसे में अब बाहर का खाना खाकर काम चलाया जा रहा है। हालांकि तीमारदार इस मामले में कुछ भी बोलने से कतराते रहे। बस उनका इतना कहना था कि एक ही मेन्यू का खाना रोजाना दिया जा रहा है। किसी तरह से छह से सात दिन काटना है।
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पोहा के साथ मिलता है दूध
महिला अस्पताल में प्रतिदिन सुबह आठ बजे तक पोहा व पैकेट वाला दूध प्रसूताओं को नाश्ते के तौर पर दिया जाता है। इसके दो से ढाई घंटे बाद भोजन दिया जाता है। नाम न छापने की शर्त पर कुछ प्रसूताओं ने बताया कि पैकेट के दूध का टेस्ट ही अलग है। पूरा दूध पी पाना मुश्किल रहता है।
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यह है स्वास्थ्य विभाग की गाइड लाइन
सुबह नाश्ते में-दूध के साथ पोहा या दलिया, अंडा, मक्खन सहित ब्रेड
दोपहर का भोजन-चार रोटी, दाल, चावल, सलाद, मौसमी सब्जी
रात का भोजन-रोटी, सब्जी, चावल व मौसमी फल
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20 लाख से अधिक हो चुका है खर्च
वर्ष 2018-19 में महिला अस्पताल के प्रसूताओं के पीछे शासन की तरफ से भोजन व नाश्ते के पीछे 17 लाख 52 हजार 960 रुपये खर्च किया गया था। 2019-20 में अब तक दो लाख 45 हजार 295 रुपये खर्च कर हो चुका है। इतना खर्च करने के बाद भी प्रसूताओं को शासन की गाइड लाइन के मुताबिक खाना नहीं मिला। इस वजह से अस्पताल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठने लगा है। उच्चाधिकारियों की चुप्पी भी समझ से परे है।
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महिला अस्पताल से गायब मिला मेन्यू बोर्ड
अस्पताल परिवार में काफी ढूढ़ने के बाद भी मेन्यू बोर्ड नहीं मिला। एक कर्मी ने बताया कि पहले एक बोर्ड लगाया गया था, जो कुछ ही दूर बाद टूटकर गिर पड़ा। बाद में उसे स्टोर में डंप करा दिया गया।
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