नए वर्ष में व्यापार को मिलेंगे नए अवसर
नया साल हमारे व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए बेताब है आने वाला समय व्यापार को नए आयाम प्रदान करेगा। यह बातें समरकूल होम अप्लायंसेज कंपनी के सीएमडी एवं भारतीय जनता पार्टी गाजियाबाद महानगर कोषाध्यक्ष व उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल प्रदेश अध्यक्ष संजीव कुमार गुप्ता ने कही। वह नगर के टक्कर गंज स्थित समरकूल के डिस्ट्रीब्यूटर नीलम एंड कंपनी शोरूम पर कंपनी के नए उत्पादों के उद्घाटन पर बोल रहे थे।
संवादसूत्र, प्रतापगढ़ : नया साल हमारे व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए बेताब है आने वाला समय व्यापार को नए आयाम प्रदान करेगा। यह बातें समरकूल होम अप्लायंसेज कंपनी के सीएमडी एवं भारतीय जनता पार्टी गाजियाबाद महानगर कोषाध्यक्ष व उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल प्रदेश अध्यक्ष संजीव कुमार गुप्ता ने कही। वह नगर के टक्कर गंज स्थित समरकूल के डिस्ट्रीब्यूटर नीलम एंड कंपनी शोरूम पर कंपनी के नए उत्पादों के उद्घाटन पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की मुहिम लोकल फार वोकल को लोग अपने जीवन में अपना रहे हैं। इसके चलते बहुत से देसी उत्पाद को ग्राहक अपनी प्राथमिकता में शामिल कर रहे हैं। देश में व्याप्त विर्श्वव्यापी कोविड-19 का संकट अभी टला नहीं है। अत: सभी देशवासियों एवं व्यापारियों को सतर्कता के साथ कोविड के नियमों का पालन करते हुए अपने व्यापार को आगे बढ़ाना होगा। व्यापारियों को निराश होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जब भी देश में इस तरह के संकट आए हैं उसके बाद व्यापार के नए अवसर भी निकलते हैं। वर्ष 2021 में अच्छा व्यापार होने का संकेत हैं। नीलम एंड कंपनी के प्रो.शिवांगू सोनकर ने सभी का स्वागत किया। इस अवसर पर समरकूल के इंडिया हेड नरेश बत्रा, सह हेड उत्तर प्रदेश धवन कुमार, नीलम एंड कंपनी के प्रो.शिवांगू सोनकर आदि मौजूद रहे।
------ मां से शुरू होती है मानव जीवन की पहली शिक्षा
संसू, प्रतापगढ़ : मानव जीवन की पहली शिक्षा अपने मां से ही शुरू होती है। जब मां अपने बच्चों को उसे जीवन के हर पहलू में क्या सही और क्या गलत है का दिशा निर्देश देकर उसे समाज के इस धरातल के रंगमंच अवतरित करती है। यह बातें सेठ एमआर जयपुरिया की प्रिसिपल डॉक्टर परमजीत कौर ने मिशन शक्ति के अंतर्गत शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका विषय पर वर्चुअल संवाद शैली के अवसर पर कही। उन्होंने ने कहा कि संसार का निर्माण एवं प्रलय मां की गोद में खेलता है। यह वाणी यथार्थ है। इसलिए महिलाओं से ही शिक्षा का आदि और अंत दोनों होता है। शिक्षा शब्द ही स्त्रीलिग होने से यह स्पष्ट हो जाता है कि शिक्षा स्त्रीरूपा है, जो अपने आप से किसी को वंचित नहीं अपितु सिचित करना चाहती है। इसलिए हर महिलाओं को अवश्य ही शिक्षित होकर समाज को उत्तरोत्तर वृद्धि पर ले जाने का पूर्ण अधिकार है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. मनीषा सिंह डायरेक्टर आफ सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल, असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट एकेडमिक जयपुरिया मिस बीना नायर, ज्योति, तुलिका आनंद आदि रहीं।