Move to Jagran APP

जिला अस्पताल में चालू हुई बर्न यूनिट

प्रतापगढ़ जिला अस्पताल में कई साल से बनकर बेकार पड़ी बर्न यूनिट चालू हो गई। मरीजों को भ

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Mar 2019 11:05 PM (IST)Updated: Mon, 11 Mar 2019 11:05 PM (IST)
जिला अस्पताल में चालू हुई बर्न यूनिट
जिला अस्पताल में चालू हुई बर्न यूनिट

प्रतापगढ़ : जिला अस्पताल में कई साल से बनकर बेकार पड़ी बर्न यूनिट चालू हो गई। मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। हालांकि अभी प्लास्टिक सर्जन की तैनाती नहीं हुई है।

loksabha election banner

जिला अस्पताल परिसर में बर्न यूनिट का भवन पांच साल पहले बनाया गया। एनएचएम से संचालित यह यूनिट चालू न होने से जलने वाले मामलों के पीड़ित परेशान होते थे। उनको बाकी मरीजों के साथ भर्ती होना पड़ता था, जिससे उनका संक्रमण और बढ़ जाता था। खाली पड़े भवन में आशा ज्योति केंद्र महिला सहायता पुलिस चौकी एक साल पहले खोल दी गई। यह चौकी भवन के ग्राउंड फ्लोर पर चल रही है। प्रथम तल पर बर्न यूनिट का संचालन पिछले महीने शुरू हो जाने से पीड़ितों को राहत मिल रही है। यूनिट में छह बेड पर मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। उनको जरूरत की दवाएं वहां आसानी से मिल जा रही हैं। हालांकि अभी प्लास्टिक सर्जन की व्यवस्था नहीं हो पाई है। सामान्य सर्जन ही यहां पर राउंड कर इलाज कर रहे हैं। यहां पर डेढ़ महीने में 27 मरीज भर्ती हो चुके हैं। यहां की प्रभारी नर्स शशि मंडल को बनाया गया है। सीएमएस डा. योगेंद्र यति का कहना है कि मरीजों का इलाज किया जा रहा है। दवाओं की उपलब्धता भी बनी हुई है। जो कमियां हैं उनको दूर किया जाएगा। बर्न केस यहां सीधे भी लाए जा सकते हैं।

पानी की व्यवस्था लचर : बर्न यूनिट की टोटियों में पानी की सप्लाई की व्यवस्था कमजोर है। सीएमओ कार्यालय से जुड़े पाइप अक्सर टूट जाते हैं। मरीजों और स्टाफ को बाहर से पानी लाना पड़ता है।

नहीं चलते एसी : जलन को कम करने के लिए यूनिट के केबिन में एसी लगाए गए हैं। अधिकांश खराब हैं। एक केबिन का एसी तो नमी के कारण जला पड़ा है। इससे आने वाली गर्मी में मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।

बहुत राहत है इससे : बंद यूनिट में भर्ती अनामिका आठ साल की है। वह खौलते दूध के भगोने पर गिरने से झुलस गई थी। उसका इलाज चल रहा है। इसी तरह बंटी और अंशिका ने भी इलाज कराया। इनका और इनके परिजनों का कहना है कि यह यूनिट खुलने से बहुत राहत मिली है। यहां शोर नहीं रहता, अनावश्यक भीड़ नहीं रहती, जिससे जलने जैसे संवेदनशील मामले में मरीज सुकून महसूस करता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.