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करोड़ों का बजट अटका, अस्पतालों का निर्माण ठप

प्रतापगढ़ लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अस्पताल बनाया जाना जरूरी है लेकिन बजट के अभाव में तीन अस्पतालों का निर्माण अधर में लटक गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Nov 2019 11:41 PM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 11:41 PM (IST)
करोड़ों का बजट अटका, अस्पतालों का निर्माण ठप
करोड़ों का बजट अटका, अस्पतालों का निर्माण ठप

प्रतापगढ़ : लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अस्पताल बनाया जाना जरूरी है, लेकिन जिले के कई अस्पताल बजट के अभाव में आधे बनकर बेकार पड़े हैं। उनका कोई इस्तेमाल पब्लिक नहीं कर पा रही है। स्वास्थ्य विभाग केवल पत्र लिखकर इस मामले में अपनी जिम्मेदारी को पूरा मान बैठा है।

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जिला अस्पताल में मरीजों की बढ़ती भीड़ के दबाव के कारण शहर से करीब चार किलोमीटर दूर स्थित गांव में 100 बेड का अस्पताल तीन साल पहले स्वीकृत हुआ था। इसके लिए 35 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत हुआ था। काम करने वाली संस्था को पहली किश्त में सवा तीन करोड़ रुपये दिए गए जिससे नींव की खोदाई का प्रारंभिक कार्य हो सका। पैसा खत्म हो गया तो संस्था ने स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी दी, लेकिन 32 करोड़ जैसी बड़ी रकम शासन से दिला पाने में विभाग अब तक नाकाम रहा। इस कारण यह अस्पताल अटक गया है। निर्माण सामग्री धीरे-धीरे गायब हो रही है।

इसी प्रकार चार साल पहले रानीगंज विधानसभा क्षेत्र के जामताली बाजार में स्वीकृत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण चार करोड़ 70 लाख में होना तय किया गया। प्रोजेक्ट को बनाने वाली संस्था को शुरू में महज दो करोड़ की रकम मिल सकी। इससे आधा अधूरा काम हुआ। भवन भी न बन सका। तीसरा मामला औव्वार गांव का है, जहां साढ़े चार करोड़ की लागत से सीएचसी निर्माण के लिए दो साल पहले शासन ने हरी झंडी दे दी थी। इसमें भी आंशिक धनराशि के रूप में केवल ढाई करोड़ रुपये ही मिल सके थे। इस वजह से केवल नीव व कुछ दीवारों का ही काम हो सका है।

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तो बच सकेगी जान :

शासन से हरी झंडी मिलने के बाद भी अस्पताल अधर में हैं। अगर यह अस्पताल बन जाएं तो हजारों लोग जिला अस्पताल आने को विवश नहीं होंगे। उनका समय, किराया बचेगा। साथ ही आपात हालात में उनको घर के पास ही इलाज मिल सकेगा। उनकी जान बचने की उम्मीद और मजबूत होगी। शहर आने वाले हजारों लोगों को सुविधा होगी।

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स्वीकृत किए गए सभी हेल्थ प्रोजेक्टों के बजट दिलाने को शासन को पत्र लिखा गया है। उम्मीद है जल्दी ही बाकी बजट मिल जाएगा और अस्पताल बन सकेंगे।

-डा. एके श्रीवास्तव, सीएमओ।


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