बसपा हाईकमान ने मांगी उपचुनाव की रिपोर्ट
प्रतापगढ़ उपचुनाव को लेकर बसपा ने बहुत जोर लगाया था लेकिन चुनाव परिणाम झटकेदार आया।
प्रतापगढ़ : उपचुनाव को लेकर बसपा ने बहुत जोर लगाया था, लेकिन चुनाव परिणाम झटकेदार आया। सदर उपचुनाव की सीट पर उसका प्रदर्शन बेहद मायूस करने वाला रहा। इस पर पार्टी हाईकमान में नाराजगी है। कभी एक साथ तीन विधायक पाने वाली बसपा को उपचुनाव ने जोर का झटका धीरे से दिया है। चुनाव की विस्तृत रिपोर्ट हाईकमान ने जोन, मंडल व जिला कमेटी से मांगी है, जिससे नेताओं की नींद उड़ गई है।
उपचुनाव में बसपा ने पता नहीं क्या सोचकर बिल्कुल नए और अपरिचित चेहरे पर दांव लगाया। उनको पार्टी के वर्कर भी ठीक से नहीं पहचान पाए थे कि चुनाव का बिगुल बज गया। पार्टी ने जौनपुर के रणजीत सिंह पटेल को चुनाव मैदान में उतारा था। हालांकि वे राजनीतिक पृष्ठभूमि के रहे। उनके माता-पिता विधायक रहे और पत्नी सुषमा मौजूदा समय में विधायक हैं। यही नहीं सुषमा ने तो पति के चुनाव में नामांकन से लेकर मतदान व मतगणना तक मेहनत भी की। चुनाव परिणाम आया तो बसपा जमानत भी नहीं बचा सकी। केवल 19 हजार वोट लेकर उसे संतोष करना पड़ा। जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में उसे 41 हजार से अधिक वोट प्राप्त हुए थे। दो साल के अंतर में बसपा का इतने वोट खिसक जाएंगे, इस बात का अंदाजा पार्टी के लोगों को नहीं था। जबकि चुनाव प्रचार में प्रदेश अध्यक्ष सांसद मुनकाद अली समेत कई नेता बार-बार आते रहे। वह सत्ता दल पर प्रहार भी करते रहे।
इधर चुनाव का परिणाम आने के बाद देर शाम राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के कार्यालय से जिलाध्यक्ष सुशील कुमार गौतम समेत जोन व मंडल के नेताओं के पास फोन आने शुरू हो गए। चुनाव में कहां कमी रह गई, किन-किन बूथों पर पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा, किन पदाधिकारियों ने चुनाव में काम नहीं किया, इस तरह की गंभीर रिपोर्ट मांगी गई है। माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट के बाद हाईकमान इस जोन और मंडल की बसपा टीम पर कड़ी कार्रवाई कर सकता है। जिलाध्यक्ष बसपा सुशील कुमार गौतम का कहना है कि निश्चित रूप से सदर उपचुनाव का जो परिणाम आया है वह बसपा के लिए चिंताजनक है। हम लोग अपनी कमियों की समीक्षा कर रहे हैं। इसे दूर किया जाएगा।