हार्लेक्विन इक्थियोसिस पीड़ित विचित्र बच्चे का जन्म, डाक्टरों में भी कौतूहल
मानधाता क्षेत्र के रंगौली विश्वनाथगंज गांव के नीलेश यादव की 28 साल की पत्नी कांती को बेटा तो हुआ लेकिन घर में कोई खुशी नहीं है।
जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़ : दो बेटियों के जन्म के बाद मानधाता क्षेत्र के रंगौली विश्वनाथगंज गांव के नीलेश यादव की 28 साल की पत्नी कांती को बेटा तो हुआ, लेकिन घर में कोई खुशी नहीं है। वजह यह है कि बच्चे के शरीर की त्वचा मोटी, सख्त व असामान्य है। चिकित्सक उसे हार्लेक्विन इक्थियोसिस नामक बीमारी से ग्रस्त बता रहे हैं।
कांती यादव का प्रसव प्रतापगढ़ शहर में राजापाल चौराहे के पास एक निजी अस्पताल में शनिवार को भोर में साढ़े चार बजे सामान्य तो हुआ, लेकिन नवजात बालक असामान्य था। बच्चे की त्वचा पर मोटी दरारें बनीं थीं। आंखें खून की तरह लाल थीं। हाथ पैर की अंगुलिया अविकसित थीं। प्रसव कराने वाली चिकित्सक डा. शाहिदा सिद्दीकी ने घरवालों को समझाया कि यह एक तरह का संक्रमण है, जो लाखों बच्चों में किसी एक को होता है। इसे हार्लेक्विन इक्थियोसिस कहते हैं। परिवार वाले अगले दिन डिस्चार्ज कराकर घर चले गए। मामले पर महिला अस्पताल की सीएमएस डा. रीना प्रसाद ने डा. शाहिदा से बात कर बच्चे और उसकी मां के बारे में जानकारी ली। डा. शाहिदा ने कहा कि वह रिपोर्ट सीएमओ को भी भेजेंगी। आशा शकुंतला ने बताया कि प्रसूता को सभी टीके समय से लगे थे।
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क्या है हार्लेक्विन इक्थियोसिस
यह एक दुर्लभ बीमारी है। अब तक बिहार, महाराष्ट्र और दिल्ली में एक-एक बच्चे इस तरह के पैदा हुए हैं। प्रतापगढ़ में कांती यादव से जन्मा यह यूपी का ऐसा पहला बच्चा है। जिला महिला अस्पताल के एसएनसीयू के चिकित्साधिकारी डा. आरके पांडेय बताते हैं कि शरीर में प्रोटीन और म्यूकस मेंब्रेन की कमी और असंतुलन से इस तरह की बात सामने आती है। त्वचा सख्त होने से फेफड़े ठीक से पंप नहीं कर पाते, जिससे बच्चे को सांस लेने में बहुत संघर्ष करना पड़ता है। ऐसे बच्चे को कई साल तक मेडिकल देखरेख में रखा जाता है। सोशल मीडिया पर छाया मामला
जिले में विचित्र बच्चे के जन्म का यह मामला सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। शनिवार देर रात एक के बाद एक सैकड़ों वाट्सएप ग्रुप और फेसबुक आदि पर इसकी फोटो वायरल हुई तो लोगों में कौतूहल बढ़ गया।