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परीक्षा ना दे पाने के विरोध में सड़क पर लेट गई छात्रा

कालेज से ही कहा गया था कि नेट से पढ़ाई करो। किडनी में इंफेक्शन की वजह से वह विद्यालय नहीं आ सकी और अब उसे परीक्षा से वंचित किया जाना कहां का न्याय है। यह कहना था कृपालु महाविद्यालय की बीएड की छात्रा का जिसे उपस्थिति कम होने का हवाला देकर शुक्रवार को परीक्षा से वंचित कर दिया गया। इसके बाद छात्रा ने विद्यालय गेट के सामने अघिया कुंडा मार्ग पर सड़क पर लेटकर अपना विरोध दर्ज कराया। यह विरोध सुबह पांच बजे से लेकर साढ़े आठ बजे तक चलता रहा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 10:55 PM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 10:55 PM (IST)
परीक्षा ना दे पाने के विरोध में सड़क पर लेट गई छात्रा
परीक्षा ना दे पाने के विरोध में सड़क पर लेट गई छात्रा

संसू, कुंडा : कालेज से ही कहा गया था कि नेट से पढ़ाई करो। किडनी में इंफेक्शन की वजह से वह विद्यालय नहीं आ सकी और अब उसे परीक्षा से वंचित किया जाना कहां का न्याय है। यह कहना था कृपालु महाविद्यालय की बीएड की छात्रा का, जिसे उपस्थिति कम होने का हवाला देकर शुक्रवार को परीक्षा से वंचित कर दिया गया। इसके बाद छात्रा ने विद्यालय गेट के सामने अघिया कुंडा मार्ग पर सड़क पर लेटकर अपना विरोध दर्ज कराया। यह विरोध सुबह पांच बजे से लेकर साढ़े आठ बजे तक चलता रहा। वंचित छात्रा ने विद्यालय प्रबंधक तंत्र के खिलाफ पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है।

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प्रयागराज जनपद के पोहरपुर कानपुर रोड निवासी एसएन सिंह की बेटी अंजू सिंह ने कृपालु महिला महाविद्यालय कुंडा में अंग्रेजी माध्यम से बीएड में 2019 जुलाई प्रवेश लिया था। इसके बाद वह क्लास लेने के लिए प्रतिदिन विद्यालय आने लगी, लेकिन अंजू का कहना है कि सेमेस्टर में जो भी विषय इंग्लिश में होता था, उसे शिक्षिकाओं द्वारा हिदी में करके पढ़ाया जाता था, जो उसकी समझ में नही आता था। इस पर जब उसने विद्यालय की शिक्षिकाओं से पूछा तो बताया गया कि यहां तो ऐसे ही शिक्षा दी जाएगी। अगर आपको पढ़ना है तो नेट से पढ़ाई करो। इसके बाद अंजू नेट से पढ़ाई करने लगी। अक्टूबर माह में जब छात्रों की उपस्थिति के लिए बायोमीट्रिक मशीन लगी तो अंजू के किडनी में इंफेक्शन हो गया। इसका इलाज वह प्रयागराज में एक चिकित्सक से कराने लगी तो चिकित्सक ने बेड रेस्ट लिख दिया। इसके बाद अंजू विद्यालय नहीं पहुंची। इसी बीच जब परीक्षा के लिए विद्यालय से एडमिट कार्ड मिलने लगा तो वह भी विद्यालय पहुंची। अंजू का कहना है कि उसने अपने साथ मेडिकल के सारे कागजात व दवाइयां लेकर विद्यालय पहुंची, लेकिन विद्यालय प्रबंधतंत्र ने उसे लेने से इन्कार कर दिया। कहा गया कि ऐसा मेडिकल कागज तीस-तीस रुपये में चौराहे पर बिक रहे हैं। यही नहीं एडमिट कार्ड के नाम पर अंजू से सुविधा शुल्क मांगा गया, लेकिन उसे यह कहते हुए एडमिट कार्ड नहीं दिया गया कि उसकी उपस्थिति कम है। शुक्रवार को परीक्षा शुरू हो रही थी तो अंजू सुबह पांच बजे विद्यालय गेट के सामने पहुंच गई। सुरक्षा गार्ड उसे अंदर नहीं जाने दिए। काफी प्रयास के बाद जब उसे अंदर नही जानें दिया गया तो वह कुंडा अघिया मार्ग पर विद्यालय गेट के सामने लेट गई। इस दौरान विद्यालय गेट के सामने लोगों की भीड़ जमा हो गई। सूचना पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने किसी तरह समझा-बुझाकर अपने साथ कोतवाली ले गई, जहां पर अंजू ने विद्यालय प्रबंध तंत्र के खिलाफ परीक्षा न देने की तहरीर दी। उधर विद्यालय की प्राचार्य डॉ. कामना शुक्ला का कहना है कि उपस्थिति कम होने के कारण शासनादेश का पालन कराते हुए छात्रा को परीक्षा से वंचित किया गया है। छात्रा ने जब से प्रवेश लिया है तब से अभी तक महज सात दिन ही विद्यालय आई है। कोतवाल कुंडा डीपी सिंह का कहना है कि छात्रा की तहरीर मिली है, जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

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