Move to Jagran APP

आयुष्मान वार्ड का अस्तित्व खत्म, जनरल में भर्ती

जनपद में आयुष्मान योजना के गोल्डेन कार्ड धारक मरीजों को मेडिकल कालेज में अलग से वार्ड नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में वह जनरल वार्ड में भर्ती किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना को अपनी प्राथमिकता में शामिल करते हुए जोर-शोर से इसका शुभारंभ किया था। प्रतापगढ़ में भी इसकी शुरुआत हुई थी। जिला अस्पताल में 10 बेड का आयुष्मान वार्ड बनाया गया था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Jul 2021 11:01 PM (IST)Updated: Fri, 16 Jul 2021 11:01 PM (IST)
आयुष्मान वार्ड का अस्तित्व खत्म, जनरल में भर्ती
आयुष्मान वार्ड का अस्तित्व खत्म, जनरल में भर्ती

जासं, प्रतापगढ़ : जनपद में आयुष्मान योजना के गोल्डेन कार्ड धारक मरीजों को मेडिकल कालेज में अलग से वार्ड नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में वह जनरल वार्ड में भर्ती किए जा रहे हैं।

loksabha election banner

प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना को अपनी प्राथमिकता में शामिल करते हुए जोर-शोर से इसका शुभारंभ किया था। प्रतापगढ़ में भी इसकी शुरुआत हुई थी। जिला अस्पताल में 10 बेड का आयुष्मान वार्ड बनाया गया था। वहां पर मरीजों को विशेष सुविधा दी जाती थी। उनका वहीं पर इलाज होता था। इसके अलावा सीएचसी में भी आयुष्मान वार्ड बनाया गया था। इधर जब से राजकीय मेडिकल कालेज के अस्पताल का निर्माण शुरू हुआ तब से यहां का आयुष्मान वार्ड अस्तित्व खो बैठा। यहां पर मरीज भर्ती नहीं किए जाते, बल्कि ताला लगा है। जो भी गोल्डन कार्ड धारक मरीज इलाज के लिए आते हैं, उनको अन्य मरीजों के साथ जनरल वार्ड में ही जगह मिल पाती है। इस कारण एक तो मरीजों को परेशानी हो रही है, दूसरे भारत सरकार का वह मानक भी टूट रहा है, जिसमें इस अभियान और योजना को विशेष दर्जा दिया गया है। इस बारे में आयुष्मान भारत योजना के नोडल डा. सुधाकर सिंह से बात की गई तो उनका कहना था कि मेडिकल कालेज प्रशासन ने आयुष्मान वार्ड अपने कब्जे में ले लिया है। मरीजों को भर्ती करना और इलाज करना वहीं की जिम्मेदारी है। इस बारे में विभाग ने अपनी आपत्ति दर्ज करा दी है।

आयुष्मान कार्ड पर जोर

जिले के नए मुख्य विकास अधिकारी प्रभाष कुमार आयुष्मान कार्ड बनाने पर लगातार जोर दे रहे हैं। उन्होंने तो यहां तक कहा है कि वैक्सीनेशन सेंटर पर ही आयुष्मान कार्ड बनाने की व्यवस्था की जाए। ऐसे में सवाल ये उठता है कि कार्ड तो बन जाएं, पर मरीजों को सुविधा कैसे मिलेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.