हताशा व निराशा के बीच आशीष ने दिखाई उम्मीद की किरण
कोरोना काल में जिले के बड़ौदा यूपी ग्रामीण बैंक के जिला समन्वयक आशीष राय ने लीक से हटकर कार्य किया। हताशा व निराशा के बीच उन्होंने प्रवासी मजदूरों को बैंक की विभन्न योजनाओं का लाभ देकर रोजगार से जोड़ा। उनके प्रयास से 630 प्रवासी श्रमिकों को रोजगार से जोड़ा गया। इस कार्य में बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक का भी सहयोग रहा।
प्रतापगढ़ : कोरोना काल में जिले के बड़ौदा यूपी ग्रामीण बैंक के जिला समन्वयक आशीष राय ने लीक से हटकर कार्य किया। हताशा व निराशा के बीच उन्होंने प्रवासी मजदूरों को बैंक की विभन्न योजनाओं का लाभ देकर रोजगार से जोड़ा। उनके प्रयास से 630 प्रवासी श्रमिकों को रोजगार से जोड़ा गया। इस कार्य में बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक का भी सहयोग रहा।
बड़ौदा यूपी ग्रामीण बैंक जिले में अपनी 97 शाखाओं के माध्यम से ग्राहकों को सेवा प्रदान कर रहा है। कोरोना संक्रमण काल में लॉक डाउन के दौरान जब चारों तरफ हताशा व निराशा का माहौल था, उस समय इस बैंक ने क्षेत्र में चौपालों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया। उस दौरान जो जमीनी हकीकत सामने आई वह अत्यंत ही मार्मिक थी। अनेकों घर में दो वक्त के खाने के लिए चूल्हा तक नहीं जल पा रहा था। किसी के पास इलाज के लिए पैसों का अभाव था तो किसी के बच्चे की फीस नहीं जमा हो पा रही थी। इस तरह के अनेकों लोग दुख एवं परेशानी के माहौल में थे। ऐसे में बड़ौदा यू पी बैंक के जिला समन्वयक आशीष राय ने इन लोगो की मदद के लिए मुद्रा, पीएम स्वनिधि आदि योजनाओं के माध्यम से आर्थिक मदद करने की ठानी। उनका मकसद था कि प्रवासी लोग अपने लिए रोजगार अपने गृह जनपद में ही कर सकें । इस कार्य में बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक केशव राम ने उनकी भरपूर मदद की। इसी का परिणाम रहा कि उन्होंने जिले के 630 प्रवासी मजदूरों को रोजगार के लिए ऋण दिलाया। आशीष बताते हैं क बड़ौदा यू पी बैंक की सोच है कि जनपद के कुशल युवा को रोजगार के लिए कहीं बाहर जाकर भटकना न पड़े। बल्कि अपने परिवार के बीच रहकर ही वे अपने लिए रोजगार स्थापित कर सकें। लॉक डाउन के दौरान बड़ौदा यू पी बैंक ने ऐसे 630 युवाओं को रोजगार के ऋण प्रदान किया।