Move to Jagran APP

गंगा में स्नान कर पितरों के निमित्त किया तर्पण और पिडदान

भाद्र पक्ष की पूर्णिमा के अवसर पर मानिकपुर नगर के शाहाबाद गंगा तट और राजघाट गंगा तट पर हजारों की संख्या में लोगों ने अपने पूर्वजों को याद कर मां गंगा में स्नान किया। उसके उपरांत पूर्वजों के निमित्त गंगा जल से तर्पण और विद्वानों के द्वारा पिडदान अर्पित किया। इसी के साथ ही दो सप्ताह तक चलने वाला पितृपक्ष प्रारंभ हो गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 11:53 PM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 11:53 PM (IST)
गंगा में स्नान कर पितरों के निमित्त किया तर्पण और पिडदान
गंगा में स्नान कर पितरों के निमित्त किया तर्पण और पिडदान

संसू, मानिकपुर: भाद्र पक्ष की पूर्णिमा के अवसर पर मानिकपुर नगर के शाहाबाद गंगा तट और राजघाट गंगा तट पर हजारों की संख्या में लोगों ने अपने पूर्वजों को याद कर मां गंगा में स्नान किया। उसके उपरांत पूर्वजों के निमित्त गंगा जल से तर्पण और विद्वानों के द्वारा पिडदान अर्पित किया। इसी के साथ ही दो सप्ताह तक चलने वाला पितृपक्ष प्रारंभ हो गया।

loksabha election banner

क्षेत्र के विद्वान पंडित लालजी मिश्र ने बताया कि इसमें लोग अपने पूर्वजों की मृत आत्मा की शांति के लिए तर्पण दान और पिडदान कर उनका आशीर्वाद लेते हैं। सुबह उठ कर नित्य क्रिया के बाद प्रसन्न मन से जल में काला तिल, जौ, कच्चा दूध और गंगा जल मिलाकर श्रद्धा के साथ पितरों को तर्पण करने से घर में सुख शांति और लक्ष्मी का वास होता है। सिद्ध पीठ मां ज्वाला देवी धाम के पुजारी पं. गंगा प्रसाद शुक्ला ने बताया कि पितृपक्ष पितरों के निमित्त ही सारे कार्य किए जाते हैं। इस पक्ष में शादी, विवाह, मुंडन आदि जैसे संस्कार नहीं किए जाते हैं। बल्कि जिस तिथि पर उनके पूर्वजों का देहावसान हुआ है। उस पर ब्राह्मणों अथवा कन्याओं को भोजन करा कर पुण्य के भागी बन सकते हैं। पिछले कई वर्षों का रिकार्ड तोड़ते हुए इस वर्ष भाद्र पक्ष की पूर्णिमा पर लगभग 50 हजार से अधिक लोगों ने मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। रविवार की मध्य रात्रि से ही लोगों का गंगा स्नान शुरू हो गया था। सोमवार दिन में लगभग दो बजे तक चलता रहा। मानिकपुर गंगा तट पर स्नान करने के लिए अमेठी, जायस, सलोन, लालगंज अझारा, सांगीपुर, सगरा सुंदरपुर एवं परशदेपुर सहित अनेक स्थानों से लोग आए और स्नान का लाभ लिया। इसके लिए प्रशासन ने पहले से ही पूरी कमर कस रखी थी। शासन द्वारा पूर्णिमा को संपन्न कराने के लिए 15 दारोगा, 30 कांस्टेबल, 15 महिला आरक्षी, चार ट्रैफिक पुलिस के जवान, दो सेक्शन जल पुलिस और दो सेक्शन पीएसी टीम को उपलब्ध कराया गया था। ये सभी जवान गंगा तटों से लेकर क्षेत्र के अलग-अलग मार्गों पर भ्रमण करते दिखाई दिए। एसओ मानिकपुर सुभाष यादव ने बताया कि प्रशासन गणेश विसर्जन के उपरांत ही व्यवस्थाओं में लग गया था। गंगा घाटों को जाने वाले मुख्य मार्गों पर बैरियर लगाकर पुलिस के जवान तैनात किए गए थे और चार पहिया वाहनों की पार्किंग रहमत अली का पुरवा और मिलिट्री ग्राउंड में कराई गई थी। पुरोहित समाज के संरक्षक प्रेमनाथ दीक्षित ने बताया कि पिछले कई वर्षों का रिकॉर्ड इस वर्ष की पूर्णिमा पर टूट गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.