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93 नौनिहालों का भविष्य सिर्फ एक शिक्षक पर

गोतनी । जिले में नगर क्षेत्र के साथ ही अंचल के कुछ स्कूलों में शिक्षकों की बेहद कमी है। इसस

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Sep 2021 11:59 PM (IST)Updated: Sat, 25 Sep 2021 11:59 PM (IST)
93 नौनिहालों का भविष्य सिर्फ एक शिक्षक पर
93 नौनिहालों का भविष्य सिर्फ एक शिक्षक पर

गोतनी । जिले में नगर क्षेत्र के साथ ही अंचल के कुछ स्कूलों में शिक्षकों की बेहद कमी है। इससे बुनियादी शिक्षा पर असर पड़ रहा है। दैनिक जागरण ने इस पर अभियान चला रखा है। शनिवार को विकास खंड कुंडा के दिलेरगंज गांव स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय की पड़ताल की गई। यहां पर मात्र एक शिक्षक के भरोसे 93 बच्चों का भविष्य संवारा जा रहा है। छात्रों की संख्या के सापेक्ष कम से कम तीन शिक्षकों की तैनाती यहां होनी चाहिए। यहां एक शिक्षक की ही तैनाती विभाग की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लगा रहा है। कई माह से एक अध्यापक के सहारे संचालित हो रहे विद्यालय में कायाकल्प योजना से भी कुछ खास कार्य नहीं हो पाया है। यहां कोई भी ऐसा कमरा नहीं है, जहां पानी न टपक रहा हो। अध्यापक संदीप त्रिपाठी का कहना है कि अकेले होने की वजह से वह कभी छुट्टी भी नहीं ले पाते। अध्यापक की संख्या बढ़ाने के लिए उन्होंने कई बार विभाग से कहा लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो सकी। विद्यालय की पूरी बिल्डिग जगह-जगह से टपक रही है, किसी तरह बच्चों को इस कमरे से उस कमरे, उस कमरे से इस कमरे करके पढ़ाते हैं । अभी लगभग 20 दिन पहले एबीएसए रतन लाल ने बिल्डिग का मुआयना किया था और जल्दी बिल्डिग दुरुस्त करवाने का आश्वासन दिया था। -------

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इनसेट--

पढ़ाने को मोबाइल का सहारा ले रहे शिक्षक

संसू, गोतनी : जब जागरण टीम दिलेरगंज के पूर्व माध्यमिक विद्यालय पहुंची तो विद्यालय में मात्र एक अध्यापक संदीप त्रिपाठी कक्षा छह,सात व आठ के बच्चों को अकेले ही पढ़ा रहे थे। जब उनसे अकेले ही तीनों का कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने मोबाइल को आगे करते हुए बताया कि यह मोबाइल यहां का दूसरा शिक्षक है। जब पूछा कि वह कैसे तो उन्होंने बताया कि मोबाइल में ऑनलाइन कक्षाएं चलती हैं, जिसको चालू करके एक क्लास में रख देते हैं और बच्चे उसको देख कर पढ़ाई करते रहते हैं। वहीं दूसरी तरफ वह दूसरी कक्षा के बच्चों को पढ़ाते रहते हैं। इससे विद्यालय में शिक्षकों की कमी को कुछ हद तक मैं पूरी करने की कोशिश करता हूं ताकि बच्चों का भविष्य प खराब हो सके।


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