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70 हजार की कटौती, साल भर से देसी घी का इंतजार

प्रतापगढ़ दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ की मनमानी से दुग्ध समिति के संचालक खफा हैं। उनकी मनम

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 10:26 PM (IST)Updated: Thu, 29 Jul 2021 10:26 PM (IST)
70 हजार की कटौती, साल भर से देसी घी का इंतजार
70 हजार की कटौती, साल भर से देसी घी का इंतजार

प्रतापगढ़ : दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ की मनमानी से दुग्ध समिति के संचालक खफा हैं। उनकी मनमानी का आलम यह है कि जब उनकी मर्जी होती है तो वह दूध का दाम घटा देते हैं। कटौती 10 रुपये लीटर की करते है और बाद में दबाव पड़ने पर दो से चार रुपये बढ़ा देते हैं। एक नया मामला सामने आया है। समिति ने संचालकों को साल भर पहले देसी देने के नाम पर करीब सात-सात हजार रुपये की कटौती किए, लेकिन साल भर बाद भी न तो घी मिला और न ही पैसा वापस हुआ।

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सदर ब्लाक क्षेत्र के कटरा मेदनीगंज में 16 मार्च 1973 में दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ की स्थापना हुई थी। यहां पर पांच हजार लीटर दूध की क्षमता का प्लांट है। जब संघ की स्थापना हुई तो जिले भर के 400 से अधिक समितियां यहां से जुड़ीं थी। चार से पांच हजार लीटर दूध कलेक्ट होता था। इन दिनों दुग्ध उत्पादक संघ के अफसरों की मनमानी से समिति के संचालक खफा हैं। दूध मुहैया कराने वाली समिति के संचालक शीतला प्रसाद यादव, ओम प्रकाश, शिव कुमार आदि बताते हैं कि हम लोगों ने जो दूध जुलाई 2020 में संस्था को दिया था। उसका पूरा पैसा नहीं दिया गया। उसमें से करीब सात-सात हजार रुपये काट लिया गया। पूछने पर अफसरों ने बताया कि इसके बदले देसी घी मिलेगा। साल भर का समय बीतने को है, लेकिन अभी तक घी नहीं मिला। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसी तरह से संस्था के अफसर मनमानी कर रहे हैं।

- स्थानीय प्रभारी से किए हैं शिकायत

पैसा काटने के बाद जब घी नहीं मिला तो इसे लेकर समिति के संचालक मामले की शिकायत संस्था के स्थानीय प्रभारी से किए। कई बार वह लिखित में भी शिकायत कर चुके हैं। स्थानीय प्रभारी ने शिकायत पत्र को जीएम प्रयागराज के पास भेजा, लेकिन अभी तक समस्या का निदान नहीं हुआ।

- अब केवल 25 समितियों से आ रहा दूध

संस्था के अफसरों की मनमानी से इन दिनों करीब 25 दुग्ध समितियों से ही दूध आ रहा है। समितियों को दूध के एवज में मिलने वाला पैसा नियमित रूप से नहीं मिलता है, इससे समितियां दूध देना बंद कर दी हैं। पहले समितियों की संख्या करीब 400 थी।

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पैसे की कटौती के बाद संचालकों को घी क्यों नहीं दिया गया। यह मामला मेरे स्तर का नहीं है। कुछ शिकायतें आई हैं। उसे जीएम के पास भेजी गई है।

- चिताहरण तिवारी स्थानीय प्रभारी (दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ कटरा मेदनीगंज)


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