Move to Jagran APP

36 हजार शौचालयों को नहीं मिली मंजूरी

प्रतापगढ़ स्वच्छ भारत मिशन के हजारों शौचालयों को विभाग से मंजूरी नहीं मिली। इससे शौचालय

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 May 2021 09:42 PM (IST)Updated: Sat, 29 May 2021 09:42 PM (IST)
36 हजार शौचालयों को नहीं मिली मंजूरी
36 हजार शौचालयों को नहीं मिली मंजूरी

प्रतापगढ़ : स्वच्छ भारत मिशन के हजारों शौचालयों को विभाग से मंजूरी नहीं मिली। इससे शौचालय निर्माण का लक्ष्य अधूरा पड़ा है। प्रदेश में जिले की रैंकिग भी टाप पर नहीं आ पा रही है। खंड प्रेरकों ने शौचालयों की फोटो को स्वच्छ भारत मिशन की वेबसाइट पर अपलोड किया है, लेकिन उसकी मंजूरी नहीं मिल रही है। इसे लेकर कई बार बैठक में खंड प्रेरकों व जिला समन्वयकों को फटकार भी लग चुकी है।

loksabha election banner

स्वच्छ भारत मिशन के तहत वर्ष 2018-19 और 2109-20 में तीन लाख 61 हजार 157 शौचालय बनाने का लक्ष्य था। इसमें ब्लाकवार शौचालय बनाने का लक्ष्य दिया गया था। हालांकि विभाग यह दावा कर रहा है कि सभी शौचालयों का निर्माणकार्य पूरा कराया जा चुका है, लेकिन हजारों शौचालयों की मंजूरी न मिलने से बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। विभाग से मिले आंकड़ों पर गौर करें तो लालगंज में एक हजार सात, कालाकांकर में दो हजार 85, कुंडा में दो हजार 216, पट्टी में एक हजार 771, बिहार में दो हजार 766, रामपुर संग्रामगढ़ में एक हजार 765, गौरा में तीन हजार 684, मानधाता में 969, बाबा बेलखरनाथ धाम में दो हजार 231, बाबागंज में दो हजार 291, लक्ष्मणपुर में दो हजार 279, शिवगढ़ में 321, सांगीपुर में चार हजार 896, सदर में एक हजार 586, संडवा चंद्रिका में तीन हजार 494, मानधाता में एक हजार 613, आसपुर देवसरा में 715 शौचालयों को मंजूरी नहीं मिली। डीपीआरओ रवि शंकर द्विवेदी ने बताया कि जिला समन्वयकों की लापरवाही से शौचालयों की जियो टैगिग नहीं हो पा रही है। उनको सचेत किया गया है। सुधार न होने पर कार्रवाई होगी।

---

जिला समन्वयकों की कार्यशैली से अफसर परेशान

स्वच्छ भारत मिशन के दो जिला समन्वयकों अतुल मिश्रा व प्रवीण शुक्ला की मनमानी से अफसर खफा हैं। आरोप है कि उक्त दोनों समन्वयक फील्ड में जाने की बात कहकर गायब रहते हैं। उनकी कार्यशैली से खंड प्रेरक भी असंतुष्ट हैं। इसके अलावा भी कई तरह की कमियां समन्वयकों में हैं, लेकिन विभाग की छवि न खराब होन, इस वजह से विभाग उसे छुपाए बैठा है। हालांकि डीपीआरओ ने दोनों सचिवों का नोटिस जारी करके जवाब मांगा था। वेतन भी रोक दिया था। हालांकि कार्यशैली में मामूली बदलाव होने से उनका वेतन जारी किया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.