36 घंटे ध्वस्त रही बिजली आपूर्ति, मचा हाहाकार
टाक्टे तूफान के असर से जिले में हुई बरसात ने बिजली व्यवस्था को ऐसा झटका दिया कि 36 घंटे तक हाहाकार मचा रहा। पहले मन लाइन व बाद में कई फीडर जल जाने से शहर व आसपास के इलाकों में बिजली गुल हो गई। इससे बरसात की कठिन रात में जहां गांव-घर अंधेरे में डूब गए वहीं पानी मिलना मुहाल हो गया।
जासं, प्रतापगढ़ : टाक्टे तूफान के असर से जिले में हुई बरसात ने बिजली व्यवस्था को ऐसा झटका दिया कि 36 घंटे तक हाहाकार मचा रहा। पहले मन लाइन व बाद में कई फीडर जल जाने से शहर व आसपास के इलाकों में बिजली गुल हो गई। इससे बरसात की कठिन रात में जहां गांव-घर अंधेरे में डूब गए, वहीं पानी मिलना मुहाल हो गया।
बिजली सिस्टम को सु²ढ़ करके के विभाग के दावे औंधे मुंह गिर गए। काम चलाने को लगाए गए जर्जर व पुराने उपकरण पहली ही बरसात में एक-एक करके दगा देने लगे। कहीं जंफर कट गया तो कहीं तार टूट गए। यह सिलसिला शुरू हुआ मंगलवार रात से जब बरसात शुरू हुई। इसके बाद बुधवार को और मामला बिगड़ गया। दोपहर में शहर को बिजली पहुंचाने वाली मेन हाईटेंशन लाइन ब्रेक हो गई। इसका असर पूरे शहर की बिजली आपूर्ति पर पड़ा। कुछ स्थानों की ही बिजली आपूर्ति देर शाम तक बहाल हो सकी। हजारों लोग उमस से बेहाल होने लगे। पानी के भी लिए हाहाकार मच गया। लोग इतने त्रस्त हो गए कि रात करीब नौ बजे दहिलामऊ उपकेंद्र पहुंचकर कर्मियों को खरी-खोटी भी सुनाई। वहां जाने पर लोगों को पता चला कि सगरा, गायघाट, कटरा रोड व कचहरी फीडर जल गया है, जिससे पूरे शहर में अंधेरा है।जले फीडरों को बनाने के लिए बरसात व रात होने से कर्मी तैयार नहीं थे। बाद में वह किसी तरह माने तो सीढ़ी लेकर निकले। सबसे पहले सगरा फीडर को दुरुस्त किया गया, लेकिन आधे क्षेत्र की ही बिजली आई। फिर कई बार कटी। रात में डेढ़ बजे आई तो एक घंटे में फिर चली गई।
सबसे अधिक परेशानी कटरा रोड से जुड़े शिवजी पुरम मोहल्ले वालों को हुई। यहां पर रातभर बिजली के दर्शन नहीं हुए। सुबह लोगों के पास नहाने तक का पानी नहीं बचा था। इसके साथ ही रूपापुर से जुड़े गोपालापुर, भुपियामऊ, सियाराम कालोनी और दहिलामऊ से जुड़े सगरा, मीरा भवन, सिविल लाइन, करनपुर, बलीपुर, विवेक नगर सहित दर्जनों मोहल्ले प्रभावित हो गए। गाय घाट और कचहरी फीडर रात में नहीं बन सके। चिलबिला क्षेत्र के लोग भी बेहाल रहे। इससे शुकुलपुर, गायघाट रोड, पूरे ईश्वरनाथ, पांडेय का पुरवा, आवास विकास कालोनी सहित एक दर्जन मोहल्लों में अंधेरा छा गया। इनवर्टर विहीन परिवारों के सामने कोई विकल्प नहीं था। ऐसे में वह रात भी जागने को विवश हुए। विभाग की कार्यशैली को कोसते रहे। गुरुवार देर शाम तक भी बिजली आपूर्ति पटरी पर नहीं आ सकी। लोगों में बिजली विभाग के रवैए पर गुस्सा कायम है। इस बारे में एक्सईएन चंद्रमा प्रसाद का कहना है कि बिजली व्यवस्था पर बरसात का व्यापक असर पड़ा। कई फीडर जलने से लोगों को परेशानी हुई। अब काफी हद तक मरम्मत कर ली गई है।
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कई जगह भर गया पानी, हुई मुश्किल
बिजली की अव्यवस्था में जलभराव भी कोढ़ में खाज बन गया है। बरसात ने शहर की जलनिकासी व्यवस्था की पोल खोल दी। यहां तक कि अस्पतालों में भी पानी भर गया। शहर के कोविड अस्पताल परिसर में जलभराव हो जाने से लोग परेशान होते रहे। छत टपकने से मरीजों को कर्मी इधर से उधर करते रहे। इसके अलावा पुलिस कार्यालय, सिनेमा रोड, शिवजी पुरम, सहोदरपुर, जीआइसी मैदान में भी पानी भर गया।