शहर के ड्रेनेज सिस्टम सुधारने को 33 करोड़ का प्रोजेक्ट
शहर के ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए शासन को 33 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट भेजा गय
शहर के ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए शासन को 33 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट भेजा गया है। इसके तहत शहर के चार प्रमुख नालों को सीवेज ट्रीटमेंट प्लान से जोड़ने की योजना है। 25 वार्ड में बसे शहर के 19 वार्डो के घरों का गंदा पानी चार प्रमुख नालों (पुलिस लाइन नाला, भुलियापुर नाला, रामलीला मैदान नाला व सदर बाजार नाला) से सई नदी में गिरता है। जबकि सिविल लाइन व मीराभवन वार्ड का पानी पाइप लाइन के जरिए सगरा नहर, अचलपुर वार्ड का पानी जेल रोड नहर और चिलबिला पूर्वी व पश्चिमी का पानी तालाब व महुली वार्ड का पानी नहर में गिरता है।
डीआइओएस कार्यालय के सामने एसपी के आवास के बगल से गुजरा पुलिस लाइन का नाला जर्जर हो चुका है। यही हाल सदर बाजार और रामलीला मैदान नाले का है। शहर वासियों को जलभराव से निजात दिलाने के लिए नगर पालिका प्रशासन बरसात शुरू होने से पहले नालों की सफाई कराने पर जोर देता है, लेकिन इन चार प्रमुख नालों के सुदृढ़ीकरण के लिए कोई योजना अमल में नहीं लाई गई। अब नमामि गंगे परियोजना लागू होने के बाद यह तय कर दिया गया है कि किसी भी नाले का पानी सीधे किसी नदी में नहीं गिरेगा। एसटीपी से शोधित होने के बाद ही नाले का पानी नदी में पहुंचेगा। इसके तहत जल निगम ने शहर के चार प्रमुख नालों के सुदृढ़ीकरण और उन्हें सई नदी के पास स्थित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ने के लिए 33.39 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट तैयार किया है। इस बजट से नालों का सुदृढ़ीकरण करके उन्हें एसटीपी से जोड़ा जाएगा और साथ ही संबंधित एजेंसी 15 वर्ष नालों व एसटीपी का रखरखाव भी करेगी। इसमें 16.84 करोड़ रुपये नालों के सुदृढ़ीकरण और 17.07 लाख रुपये रखरखाव पर खर्च होगा।
नमामि गंगे परियोजना लागू होने के बाद किसी भी नाले का पानी सीधे नदी में गिरने पर रोक लगा दी गई है। इसके तहत उन चार प्रमुख नालों को एसटीपी से जोड़ने का प्रोजेक्ट शासन को भेजा गया है, जिनका गंदा पानी सीधे सई नदी में गिरता है।
-घनश्याम द्विवेदी, एक्सईएन, जल निगम