देवरिया के बाद प्रतापगढ़ के दो आश्रय गृहों से 26 महिलाएं गायब, जांच शुरू
प्रतापगढ़ में जिलाधिकारी ने दो आश्रयगृह का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान 26 महिलाएं गायब थीं। डीएम ने जांच के बाद एक आश्रयगृह के संचालक ने इस्तीफा दे दिया है।
प्रतागपढ़ (जेएनएन)। देवरिया में महिला आश्रय गृह में सामने आई बड़ी अनियमितता के बाद प्रदेश के हर जिले का प्रशासन अब चौकन्ना है। कल रात में प्रतापगढ़ में जिलाधिकारी ने दो आश्रयगृह का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान 26 महिलाएं गायब थीं। डीएम ने जांच के बाद एक आश्रयगृह के संचालक ने इस्तीफा दे दिया है।
कल देर शाम प्रतापगढ़ के डीएम शंभू कुमार ने दो महिला आश्रय गृहों का औचक निरीक्षण किया तो यहां से 26 महिलाएं गायब थीं।जिलाधिकारी शंभु कुमार ने सख्ती से दोनों आश्रय गृह के संचालिका से जवाब मांगा तो संचालिका गोलमोल जवाब देती रही। मामले की जानकारी शासन को भेज दी गई है और अब इन पर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट तैयार की जा रही है। खास बात यह है कि इन दोनों केंद्रों में से एक केंद्र भाजपा नेत्री का है।
जिलाधिकारी शंभू कुमार ने कल रात यहां पर सबसे पहले अचलपुर के महिला आश्रय गृह का औचक निरीक्षण किया। अचलपुर में सभी 15 महिलाएं गायब मिली। पता चला कि इस आश्रय गृह में 15 महिलाएं पंजीकृत हैं, लेकिन मौजूदा समय में एक भी महिला यहां मौजूद नहीं थी। सभी 15 महिलाएं गायब थी।
जब इस बाबत डीएम ने सख्त लहजे में वहां की संचालिका नेहा प्रवीन से जवाब मांगा तो उन्होंने पहले तो गोलमोल जवाब दिया और फिर जिलाधिकारी का कड़ा रुख देखते हुए बताया कि सभी महिलाएं मेहनत-मजदूरी करने बाहर गई हैं, कुछ देर में आ जाएंगी। इस आश्रय गृह में जिलाधिकारी को न तो अकाउंट रजिस्टर देखने को मिला और ना ही भोजन व्यवस्था का कोई ब्यौरा ही मिल सका। इस आश्रय गृह में सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगाए गए थे।
डीएम शंभू कुमार ने इसके बाद अष्टभुजा नगर में महिला आश्रय गृह का निरीक्षण किया तो वहां रजिस्टर में तो 16 महिलाओं का पंजीकरण हुआ था। मौके पर सिर्फ एक ही महिला मौजूद मिली। डीएम ने अन्य महिलाओं के बारे में पूछा तो संचालिका रमा मिश्रा ने बताया कि वह अपने निजी कार्य से बाहर गई हैं। यहां भी रजिस्टर में महिलाओं के जाने का ना तो कोई रिकॉर्ड था और ना ही सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे।
यहां की संचालिका रमा मिश्रा भाजपा की महिला युवा मोर्चा की जिला अध्यक्ष व पार्षद भी रह चुकी हैं। जिलाधिकारी शंभु कुमार ने बताया कि इन दोनों महिला आश्रय गृहों पर भारी खामी देखने को मिली है। अब रात में महिला अधिकारियों की टीम औचक निरीक्षण करेगी और महिलाओं के गायब होने की सच्चाई को परखेगी और उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
एसडीएम के साथ न्यायिक मजिस्ट्रेट ने की जांच
महिला आश्रय गृह अष्टभुजा नगर में महिलाओं के ना मिलने की जांच करने शाम को एसडीएम सदर भी पहुंचे। इस दौरान उनकी मौजूदगी में न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रद्धा पांडे ने महिलाओं का बंद कमरे में बयान लिया। इस दौरान दर्जनभर महिलाएं यहां मौजूद थीं। वहां पर आश्रय गृह की संचालिका रमा मिश्रा ने दावा किया कि सभी पंजीकृत महिलाएं यहां हैं। कोई भी पंजीकृत महिला आश्रयगृह से बाहर नहीं है। वहां पर टीम ने अभिलेखों को बारीकी से खंगालना शुरू किया। एसडीएम के के साथ कोषाधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी, परियोजना निदेशक समेत दर्जन भर अधिकारी और कई थाना की फोर्स मौजूद है।
डीएम के औचक निरीक्षण के बाद एक आश्रयगृह संचालक का इस्तीफा, आश्रयगृह बंद
प्रतापगढ़ के अचलपुर व अष्टभुजा नगर में चल रहे महिला आश्रय गृहों में बुधवार को दोपहर व देर रात अफसरों के निरीक्षण में अनियमितता सामने आने के बाद प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। सख्ती देख अचलपुर में मैक्सन संस्था के संचालित आश्रय गृह को संस्था संचालक इंद्रजीत सिंह ने आज बंद कर दिया। इसके साथ यहां के संचालक ने इस्तीफा भी दे दिया। अष्टभुजा नगर में आश्रय गृह की संचालक रमा मिश्रा ने किया महिलाओं को प्रशासन के सामने पेश करने का दावा। जिले में डीएम दोनों आश्रय केंद्रों की जांच करा रहे हैं। अब तक महिलाओं के फर्जी नाम दर्ज कर वित्तीय अनियमितता की बात सामने आई है।
डीएम शंभु कुमार का कहना है कि महिलाएं गायब नहीं, गैरहाजिर रहीं। उनके बारे में विवरण देने को संस्था संचालक को कहा गया है। जांच करा रहे हैं, रिपोर्ट मिलने के बाद दोषियों पर एफआइआर भी दर्ज कराई जाएगी। इसके साथ ही कस्तूरबा विद्यालयों व किशोर बालक संरक्षण गृहों की जांच एसडीएम कर रहे हैं।