Move to Jagran APP

धोखाधड़ी का आरोपित 25 हजार का इनामी हिस्ट्रीशीटर गिरफ्तार

नौकरी दिलाने का झांसा देकर चार लाख रुपये हड़पने के मामले में करीब साढ़े चार साल से फरार चल रहे 25 हजार के इनामी हिस्ट्रीशीटर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसके खिलाफ हत्या लूट धोखाधड़ी के नौ मुकदमे प्रतापगढ़ प्रयागराज लखनऊ में दर्ज हैं। इसके खिलाफ पुलिस गैंगस्टर के तहत कार्रवाई करने जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 May 2021 10:51 PM (IST)Updated: Thu, 20 May 2021 10:51 PM (IST)
धोखाधड़ी का आरोपित 25 हजार का इनामी हिस्ट्रीशीटर गिरफ्तार
धोखाधड़ी का आरोपित 25 हजार का इनामी हिस्ट्रीशीटर गिरफ्तार

संसू, प्रतापगढ़ : नौकरी दिलाने का झांसा देकर चार लाख रुपये हड़पने के मामले में करीब साढ़े चार साल से फरार चल रहे 25 हजार के इनामी हिस्ट्रीशीटर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसके खिलाफ हत्या, लूट, धोखाधड़ी के नौ मुकदमे प्रतापगढ़, प्रयागराज, लखनऊ में दर्ज हैं। इसके खिलाफ पुलिस गैंगस्टर के तहत कार्रवाई करने जा रही है।

loksabha election banner

लालगंज कोतवाली क्षेत्र के इटौरी गांव का रहने वाला आलोक मिश्र और उसके पिता सत्येंद्र नाथ मिश्रा पर पांच अक्टूबर 2016 को लालगंज कोतवाली में हरिशंकर पटेल पुत्र लल्लूराम निवासी मुबाकरपुर, थाना कोतवाली ने मुकदमा दर्ज कराया था। हरिशंकर ने आरोप लगाया था कि सरकारी नौकरी दिलाने के लिए आलोक ने उससे चार लाख रुपये लिए थे और उसे फर्जी ज्वाइनिग लेटर थमा दिया था। उस मुकदमे में करीब साढ़े चार साल से फरार चल रहा था। उस पर पुलिस ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। इस बीच बुधवार को शाम 5:45 बजे लालगंज कोतवाल रणजीत सिंह भदौरिया व जोनल सर्विलांस टीम के प्रभारी दारोगा वृंदावन राय ने लालगंज कोतवाली के पहाड़पुर तिराहा से आलोक को गिरफ्तार कर लिया।

आलोक पर लालगंज कोतवाली में धोखाधड़ी, लूट, एससी-एसटी एक्ट के तीन मुकदमे दर्ज है। यह लालगंज कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर है। इसने पिछले साल धर्मा इंटरप्राइजेज के साथ मिलकर लखनऊ में डिजिटल राशन कार्ड की एजेंसी देने के नाम पर कई लोगों से 10 से 15 लाख रुपये लिए थे। कुल तीन से चार करोड़ रुपये की ठगी की थी। इस मामले में अंकित सिंह ने लखनऊ के गाजीपुर थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। इसके अलावा इस पर लखनऊ के गोमतीनगर थाने में धोखाधड़ी, प्रयागराज जिले के धूमनगंज थाने में हत्या, सिविल लाइन थाने में धोखाधड़ी का दो मुकदमा दर्ज है। इस पर कुल नौ मुकदमे दर्ज हैं। आइजी ने आलोक को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को 50 हजार रुपये का पुरस्कार दिया है।

----

फरार आलोक ने मां को लड़ाया चुनाव, प्रधान बनीं

पुलिस के रिकार्ड में शातिर आलोक मिश्रा साढ़े चार साल से फरार है, लेकिन उसने यहीं घर पर रहकर मां मिथिलेश मिश्रा को प्रधान पद का चुनाव लड़ाया और वह निर्वाचित भी हो गईं। यही नहीं, फरारी के दौरान कोरोना काल में इसने समाज सेवा का भी चोला ओढ़ रखा था। वह गरीबों को पेंशन व गरीब छात्राओं को मुफ्त में साइकिल बांटता था। इसका बड़ा भाई दिल्ली में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है। ----- पांच दिन पहले की थी मारपीट

इटौरी गांव निवासी पंचम कुमार सरोज ने आरोप लगाया है कि आलोक मिश्रा और उसके पिता ने 16 मई को उसके घर में घुसकर उसे मारा-पीटा था। पंचम की तहरीर पर पुलिस ने बुधवार को मारपीट, एसएसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.