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छापेमारी में 2.38 लाख का रेलवे टिकट बरामद, दो गिरफ्तार

अवैध तरीके से ई-टिकट का कारोबार करने वाले दो सहज जनसेवा केंद्र संचालकों को रेलवे की क्राइम ब्रांच टीम ने छापेमारी करके धर दबोचा। पूछताछ के दौरान कई और लोगों के इसमें संलिप्त होने की बात सामने आ रही है। क्राइम ब्रांच वाराणसी की टीम ने इन आरोपितों को सोमवार की शाम को पकड़कर आरपीएफ प्रतापगढ़ के हवाले कर दिया। उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज करके उनको रेलवे कोर्ट न्यायालय में पेश किया गया। इसके बाद उनको जेल भेज दिया गया। कार्रवाई से अवैध तरीके से टिकट का कारोबार करने वालों में खलबली मची हुई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Jul 2021 10:58 PM (IST)Updated: Tue, 06 Jul 2021 10:58 PM (IST)
छापेमारी में 2.38 लाख का रेलवे टिकट बरामद, दो गिरफ्तार
छापेमारी में 2.38 लाख का रेलवे टिकट बरामद, दो गिरफ्तार

संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : अवैध तरीके से ई-टिकट का कारोबार करने वाले दो सहज जनसेवा केंद्र संचालकों को रेलवे की क्राइम ब्रांच टीम ने छापेमारी करके धर दबोचा। पूछताछ के दौरान कई और लोगों के इसमें संलिप्त होने की बात सामने आ रही है। क्राइम ब्रांच वाराणसी की टीम ने इन आरोपितों को सोमवार की शाम को पकड़कर आरपीएफ प्रतापगढ़ के हवाले कर दिया। उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज करके उनको रेलवे कोर्ट न्यायालय में पेश किया गया। इसके बाद उनको जेल भेज दिया गया। कार्रवाई से अवैध तरीके से टिकट का कारोबार करने वालों में खलबली मची हुई है।

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फतनपुर थाना क्षेत्र के बैरमपुर गांव के रहने वाले शीतला प्रसाद जायसवाल पुत्र कन्हैया लाल व राहुल पुत्र राकेश गुप्ता ने सुवंसा बाजार में सहज जनसेवा केंद्र खोल रखा था। दोनों अपने-अपने सहज सेवा केंद्रों से रेलवे टिकट की खरीद फरोख्त का काम करते थे। इसी क्रम में इसकी सूचना मिलने पर आरपीएफ की क्राइम ब्रांच वाराणसी की टीम सोमवार शाम करीब पांच बजे रानीगंज क्षेत्र के सुवंसा बाजार पहुंची और दोनों केंद्रों पर छापा मार दिया। शीतला प्रसाद और राहुल गुप्ता को हिरासत में ले लिया। तलाशी के दौरान शीतला के पास से दो लाख 13 हजार रुपये का टिकट बरामद हुआ, जबकि राहुल के पास से 25 हजार का टिकट मिला। इस तरह से कुल दो लाख 38 हजार का टिकट बरामद किया गया। दोनों के पास से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, कोलकाता आदि कई जगहों के टिकट मिले। इसके बाद टीम दोनों को लेकर प्रतापगढ़ जंक्शन स्थित आरपीएफ थाने पहुंची। पूछताछ के दौरान कई अहम क्लू हाथ लगे। कई और लोगों द्वारा इस कारोबार में संलिप्त होने की बात सामने आई। हालांकि टीम ने दोनों आरोपित को आरपीएफ के सुपुर्द कर दिया। आरपीएफ ने विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए दोनों को रेलवे कोर्ट प्रयागराज में पेश किया, जहां उनको जेल भेज दिया गया। आरपीएफ के एएसआइ एसके राय ने बताया कि आरोपितों के पास कई टिकट बरामद हुए हैं। मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

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वसूल रहे थे मनमाना दाम

शीतला प्रसाद व राहुल पिछले कई साल से टिकट बनाने का काम कर रहे थे। मनमानी का आलम यह था कि एक टिकट बनाने पर निर्धारित मूल्य से 500 से एक हजार रुपये तक की वसूली ग्राहकों से करते थे। पहले पैसा ले लेते थे, इसके बाद ही टिकट बनाते थे। मनमाने दाम वसूलने की गोपनीय शिकायत रेल अफसरों से हुई थी।

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कई और राडार पर

आरपीएफ के अनुसार एक आइडी पर केवल पांच टिकट एक माह में बनाया जा सकता है। इससे अधिक बनाने पर यह माना जाता है कि इसका कारोबार हो रहा है। कई शातिर ऐसे भी हैं, जो एक आइडी पर कई टिकट बनाते हैं। अपने रिश्तेदारों, परिवार के लोगों आदि की मेल आइडी बनाकर टिकट बनाते हैं। कई ऐसे लोग आरपीएफ के राडार पर चढ़ चुके हैं।

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पहले भी हो चुकी है कार्रवाई

अवैध तरीके से ई-टिकट बनाने का खेल जिले में बड़े पैमाने पर चल रहा है। अभी कुछ माह पहले आरपीएफ की टीम ने अंतू बाजार, कालाकांकर सहित अन्य कई स्थानों पर छापेमारी करके कई लोगों को गिरफ्तार की थी। उनके पास से कई टिकट भी बरामद हुआ था। हालांकि उनके विरुद्ध कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया गया था।


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