बोर्ड परीक्षा में 17, 876 ने छोड़ दिया मैदान
प्रतापगढ़ इंटरमीडिएट की शनिवार को अंग्रेजी सेकेंड पेपर होने के साथ ही यूपी बोर्ड परी
प्रतापगढ़ : इंटरमीडिएट की शनिवार को अंग्रेजी सेकेंड पेपर होने के साथ ही यूपी बोर्ड परीक्षा का समापन भी हो गया। इस बार 17 हजार 876 परीक्षार्थियों ने मैदान छोड़ दिया। इनमें हाईस्कूल के 10 हजार 297 व इंटरमीडिएट के सात हजार 579 परीक्षार्थी शामिल हैं। इसके अलावा पूरी परीक्षा में कुल 16 नकलची पकड़े गए और एक परीक्षार्थी दूसरे के स्थान पर परीक्षा देते पकड़ा गया। पकड़े गए नकलचियों में हाईस्कूल के पांच व इंटर के 11 परीक्षार्थी शामिल हैं। यह स्थिति तब रही, जब इस बार यूपी बोर्ड और प्रशासन की तरफ से काफी सख्ती बरती गई थी।
अनुपस्थिति का यह आंकड़ा हाईस्कूल एवं इंटर की हिदी परीक्षा के आधार पर शिक्षा विभाग द्वारा बताया गया। विभाग का मानना है कि हिदी अनिवार्य विषय है और लगभग सभी परीक्षार्थी हिदी पढ़ते हैं। इसमें वही परीक्षार्थी शामिल नहीं हैं, जिन्होंने एक विषय में ही परीक्षा दी है। वैसे तो हाईस्कूल में कुल 71 हजार 582 व इंटर में कुल 62 हजार 952 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। हाईस्कूल हिदी में पंजीकृत 71 हजार 533 परीक्षार्थियों में से 10 हजार 297 अनुपस्थित रहे। इनमें छह हजार 747 बालक व तीन हजार 550 बालिकाओं ने परीक्षा नहीं दी। इसी प्रकार इंटरमीडिएट हिदी में पंजीकृत 59 हजार 984 परीक्षार्थियों में सात हजार 579 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। इनमें से चार हजार 993 छात्र व दो हजार 586 छात्र हैं। हाईस्कूल की परीक्षा 14 व इंटर की परीक्षा 16 दिनों तक चली। डीआइओएस एसपी यादव ने बताया कि शनिवार को इंटर की परीक्षा समाप्त हो गई। इस बार की सख्ती के चलते कोई भी केंद्र डिबार नहीं हुआ। कहीं सामूहिक नकल नहीं मिली।
चार विद्यालयों में आठ से होगा मूल्यांकन : यूपी बोर्ड परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए चार विद्यालयों को केंद्र बनाया गया है। इनमें जीआइसी प्रतापगढ़, केपी इंटर कालेज, तिलक इंटर कालेज व पीबी इंटर कालेज शामिल हैं। उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य आठ मार्च से शुरू होगा। डीआइओएस एसपी यादव ने बताया कि चारों मूल्यांकन केंद्रों पर परीक्षकों की ड्यूटी लगाने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
गत वर्ष 13 विद्यालय हुए थे डिबार : यूपी बोर्ड की परीक्षा में गत वर्ष 13 विद्यालयों में सामूहिक नकल मिलने पर उन्हें डिबार किया गया था। इस बार शासन प्रशासन की सख्ती से कोई भी विद्यालय डिबार नहीं हुआ। इतना जरूर है कि सांगीपुर क्षेत्र में बोर्ड परीक्षा की सादी कापियां मिलने पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। इसके साथ ही कुंडा क्षेत्र के एक विद्यालय में पैसे लेकर नकल कराने का मामला सामने आने पर डीआइओएस ने केंद्र व्यवस्थापक को बदल दिया था।