जागरूकता कार्यक्रम में 11 करोड़ खर्च की फिर से होगी जांच
प्रतापगढ़ स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीणों को खुले में शौच से होने वाले नुकसान के बाबत ज
प्रतापगढ़ : स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीणों को खुले में शौच से होने वाले नुकसान के बाबत जागरूक करने के लिए एक कार्यदायी संस्था को जिम्मेदारी दी गई थी। इसमें कुछ ही जगहों पर जागरूकता कार्यक्रम कर एजेंसी ने तत्कालीन डीपीआरओ से मिलीभगत करके 11 करोड़ रुपये लेकर चली गई। इस मामले की शिकायत पहले भी हुई थी। तत्कालीन डीपीआरओ उमाकांत पांडेय समेत से रिपोर्ट जनप्रतिनिधियों ने मांगी थी। हालांकि रिपोर्ट अफसर नहीं दे पाए थे। दिशा की बैठक में सभी विधायकों ने 11 करोड़ रुपये के मामले में जांच कराने को कहा है। शासन में पत्र लिखने का निर्देश दिया है।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम पंचायतों, कस्बों समेत जगहों पर स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए ग्राम पंचायतों में नुक्कड़ सभा, नाटक, वॉल पेंटिग समेत कार्यक्रम आयोजित कर ग्रामीणों को जागरूक करना था। जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि कोई कार्यक्रम नहीं किया गया। केवल रुपये की बदरबांट हुई है। इसमें पूर्व डीपीआरओ की भी भूमिका संदिग्ध पाई गई थी। दिशा की बैठक में शनिवार को विकास भवन में जनप्रतिनिधियों ने मुद्दा फिर से उठाया। उन्होंने पूर्व के डीपीआरओ उमाकांत पांडेय पर पर आरोप भी मढ़ा। कहा कि 10 दिन में रिपोर्ट देने के लिए कहा था। जो नहीं मिली। एक बात तो साफ है कि जांच में अफसरों की गर्दन फंसना तय है।
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संदेह के घेरे में समन्वयक
सूत्रों के मुताबिक प्रचार-प्रसार मद के जिला समन्वयक भी संदेह के घेरे में हैं। हालांकि जांच के बाद ही यह साफ हो पाएगा। तत्कालीन डीपीआरओ व समन्वयक पर आरोप भी लग चुके हैं।
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मामले की जांच को लेकर जल्द ही शासन में पत्र लिखा जाएगा। 10 दिन की मोहलत मिली है। जनप्रतिनिधियों को टेंडर, खर्च का बिल बाउचर समेत दस्तावेज उपलब्ध कराया जाएगा।
-लालजी दुबे, डीपीआरओ