तेज धमाके की आवाज से उड़ी ग्रामीणों की नींद
पूरनपुर-खुटार हाईवे पर जुकना नदी पुल के पास बारी बुझिया में भीषण सड़क दुर्घटना से चश्मदीदों का भी कलेजा थम गया। यात्रियों की चीख पुकार ने उनकी आंखों से पल भर में नींद काफूर कर दी। रोडवेज बस और कुछ दूर पर पड़ी बोलेरो में सवार यात्रियों की चीख पुकार सुनकर वह दौड़ पड़े। बस और बोलेरो में दबे लोगों को बचाने का प्रयास करने लगे। डेढ़ घंटे तक वह पुलिस के साथ ही मदद में जुटे रहे।
पीलीभीत,जेएनएन : पूरनपुर-खुटार हाईवे पर जुकना नदी पुल के पास बारी बुझिया में भीषण सड़क दुर्घटना से चश्मदीदों का भी कलेजा थम गया। यात्रियों की चीख पुकार ने उनकी आंखों से पल भर में नींद काफूर कर दी। रोडवेज बस और कुछ दूर पर पड़ी पिकअप में सवार यात्रियों की चीख पुकार सुनकर वह दौड़ पड़े। बस और पिकअप में दबे लोगों को बचाने का प्रयास करने लगे। डेढ़ घंटे तक वह पुलिस के साथ ही मदद में जुटे रहे।
हाईवे के जिस स्थान यह भीषण हादसा हुआ वहां से पचास मीटर की दूरी पर शमशेर सिंह का घर है। उसके पास ही कुछ मीटर पर रामलाल का घर है। शमशेर सिंह के यहां काम करने वाले गांव सिकरहना के बेचेलाल हाइवे किनारे पड़ी टीन में सो रहे थे। बेचेलाल ने बताया कि अचानक बेहद तेज धमाका हुआ। आंख खुली तो कुछ दूरी पर बस सड़क किनारे खेत में पड़ी थी। कुछ मिनट में चीख पुकार की आवाज आने लगी। उन्होंने अपने बेटे गंगाधर को बुलाया और बस तरफ पहुंचे। कुछ लोग दबे हुए थे और कुछ लोग बस से निकलने की कोशिश कर रहे थे। बस एक तरफ से पलट जाने के कारण उसमें से लोग नहीं निकल पा रहे थे। गंगाधर कुल्हाड़ी लेकर पहुंचा और उसने बस की खिड़की काटने का प्रयास किया। इसबीच पड़ोस में रहने वाले रामलाल अपने बेटे अभिषेक, जितेन्द्र और पड़ोस के हरबिदर सिंह, भूरा सिंह के साथ पहुंच गए। कड़ी मशक्कत कर लोगों को निकालने लगे। रामलाल ने बताया कि समझ में नहीं आ रहा था कि बोलेरो में फंसे लोगों को निकाला जाए या फिर बस में फंसे यात्रियों को। हर तरफ चीख पुकार सुनाई दे रही थी। दोनों वाहनों के नीचे लोग दबे हुए थे। एक घंटे की मशक्कत के बाद सभी को निकाला जा सका।
----
नींद की परवाह न कर सहायता में जुटे लोग
ढाई बजे का वक्त। गहरी नींद में सो रहे लोग। अचानक हादसा और फिर चीख पुकार। इस दिल दहलाने वाले हादसे को जिस किसी ने सुना वह अपनी नींद छोड़कर मौके पर पहुंच गया। देखते ही देखते बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए। दोनों वाहनों में फंसे लोगों को बचाने का प्रयास करने लगे। ग्रामीणों की सहायता से पुलिस ने भी बेहद तत्परता दिखाते हुए उन्हें अस्पताल भेजा। लोगों के इस सहास की काफी प्रशंसा होती रही।