36 घंटे में खाली हो रहे गन्ना भरे वाहन
पूरनपुर सहकारी चीनी मिल की व्यवस्था बेपटरी होती जा रही है। बार-बार फाल्ट और तकनीकी खराबी से बंद होने के कारण किसानों को बेहद परेशानी हो रही है। गन्ना भरे वाहन 36 से 40 घंटे में खाली हो रहे हैं। गुरुवार को कर्मचारियों के आंदोलन को लेकर तौल और पेराई बंद रहने से किसानों के वाहनों की असोम हाईवे के किनारे तक लाइन लगी रही।
पीलीभीत, जेएनएन : पूरनपुर सहकारी चीनी मिल की व्यवस्था बेपटरी होती जा रही है। बार-बार फाल्ट और तकनीकी खराबी से बंद होने के कारण किसानों को बेहद परेशानी हो रही है। गन्ना भरे वाहन 36 से 40 घंटे में खाली हो रहे हैं। गुरुवार को कर्मचारियों के आंदोलन को लेकर तौल और पेराई बंद रहने से किसानों के वाहनों की असोम हाईवे के किनारे तक लाइन लगी रही।
सहकारी चीनी मिल अब तक फाल्टों की वजह से कई बार बंद रह चुकी है। कभी अधिक इंडेंट की वजह से किसान परेशान हो रहे हैं तो कभी बेहद कम इंडेंट की वजह से चीनी मिल को बंद रहना पड़ रहा है। बुधवार की रात तकनीकी खराबी के कारण मिल छह घंटे बंद रही थी। इसके बाद पेराई शुरू हुई। गुरुवार को कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार करने से चीनीमिल का पहिया थम गया। सुबह साढे़ दस बजे से पेराई और तौल पूरी तरह से बंद हो गई। किसानों के वाहनों की मिल गेट पर नेशनल हाईवे 730 ए पर दोनों ओर लाइन लगती रही। हालांकि बाद में वाहनों को अंदर मिल यार्ड में प्रवेश तो दे दिया गया लेकिन तौल नहीं हुई। इसके चलते पूरे दिन किसान वाहनों की रखवाली में ही गुजारते रहे। किसानों ने बताया कि उन्हें अपने वाहन खाली कराने में 36 से 40 घंटे का समय लग रहा है। दो दिन और एक रात चीनी मिल में ही गुजारनी पड़ रही है। इससे अन्य कार्य भी नहीं हो पाते। मिल में दिक्कतों की वजह से किसानों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। चीनीमिल के प्रधान प्रबंधक असीम मिश्र ने बताया कि कर्मचारियों के आंदोलन के चलते तौल और पेराई बाधित रही है। मिल चलने पर सुचारू रूप से तौल और पेराई की जाएगी।
अक्सर चीनी मिल फाल्ट की वजह से बंद रहती है। इससे किसानों को गन्ना भरे वाहन खाली नहीं हो पाते। दिन और रात वाहनों की रखवाली में ही गुजर जाता है।
हरीश कुमार, पिपरिया दुलई
चीनी मिल में रोजाना ही अब फाल्ट देखने को मिल रहे हैं। इससे तौल समय से न हो पाने के कारण वाहन खाली नहीं होते। लंबे इंतजार के बाद वाहन खाली होते हैं।
वीरेंद्र कुमार, उदयपुर
भुगतान के मामले में भी चीनी मिल पूरी तरह से फिसड्डी साबित हो रही है। किसानों को इस सत्र में बिक्री किए गए गन्ने का एक भी रुपया नहीं मिल सका है।
अखिलेश कुमार, पिपरिया दुलई
चीनी मिल की व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पा रही है। किसानों के साथ ही कर्मचारी भी परेशान हैं। गुरुवार को आंदोलन के चलते तौल और पेराई नहीं हो सकी।
महताब सिंह, गुलड़िया