बाघ के आतंक से ग्रामीणों में आक्रोश
टाइगर रिजर्व की माला रेंज के अजीतपुर पटपरा गांव में बाघ का आतंक कम नहीं हो रहा है।
गजरौला (पीलीभीत) : टाइगर रिजर्व की माला रेंज के अजीतपुर पटपरा गांव में बाघ का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है। बाघ को पकड़ने के लिए ¨पजरा लगा दिया गया, लेकिन कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हो रही है। अखिल भारतीय ¨हदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने क्षेत्रीय वनाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है।
अजीतपुर पटपरा-महुआ गांव के बीच चकरोड के समीप तालाब के पास दस अक्टूबर को बाघ ने सांड़ को मार दिया था। चार दिन बीतने के बाद वन विभाग ने बाघ को पकड़ने व जंगल की तरफ भगाने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए। ऐसे में धान की कटाई बंद हो गई, जिससे ग्रामीणो में रोष व्याप्त है। वन विभाग के ढुलमुल रवैये को देखते हुए शनिवार को आक्रोशित ग्रामीणों के साथ अखिल भारत ¨हदू महासभा के ग्राम महामंत्री संजय कुमार की अगुवाई में माला रेंज के वन क्षेत्राधिकारी दिलीप श्रीवास्तव को ज्ञापन सौंपा। दो दिन में बाघ न पकड़ने पर किसी घटना के होने पर वन विभाग को जिम्मेदार होने का अल्टीमेटम दिया गया। मृत सांड़ को गड्ढा खुदवा कर जमीन में दबा दिया गया। वहीं बाघ की लोकेशन लेने के लिए लेजर कैमरे व पिंजरा भी लगा हुआ है। ग्रामीणों ने कार्रवाई न होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है। वन क्षेत्राधिकारी श्रीवास्तव ने आश्वासन दिया कि अभी तक बाघ को पकड़ने का आदेश नहीं मिले हैं। बाघ की लगातार निगरानी की जा रही है। उच्च अधिकारियों के आदेश मिलते ही बाघ को पकड़ा जाएगा। ज्ञापन देने वालों में ¨हदू महासभा के ग्राम वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेश वर्मा, बाबूराम, ओपी वर्मा, मुरारी प्रजापति, प्रमोद प्रजापति, राम बिलास, सुरेश मौर्य, राकेश बाबू, राधे श्याम समेत ग्रामीण शामिल रहे।