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चूकाबीच व गोमती पर टूरिस्टों को मिलेंगी सुविधाएं

कलेक्ट्रेट स्थित गांधी सभागार में जिलाधिकारी डॉ. अखिलेश कुमार मिश्र की अध्यक्षता में बैठक हुई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 11:27 PM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 11:27 PM (IST)
चूकाबीच व गोमती पर टूरिस्टों को मिलेंगी सुविधाएं
चूकाबीच व गोमती पर टूरिस्टों को मिलेंगी सुविधाएं

पीलीभीत : कलेक्ट्रेट स्थित गांधी सभागार में जिलाधिकारी डॉ. अखिलेश कुमार मिश्र की अध्यक्षता में हुई बैठक में ईको पर्यटन केंद्र चूकाबीच का पर्यटन सत्र शुभारंभ करने, पर्यटकों को अधिक बढ़ावा देने और उपलब्ध संसाधनों की समीक्षा की गई। 15 नवंबर से टाइगर रिजर्व का पर्यटन सीजन शुरू हो रहा है। सरकारी विभागों के गेस्ट हाउसों की बु¨कग से पहले सिटी मजिस्ट्रेट को जानकारी देने के निर्देश दिए गए।

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जिलाधिकारी डॉ.मिश्र ने जंगल में ¨सचाई विभाग, पीलीभीत टाइगर रिजर्व के गेस्ट हाउस की बु¨कग से पहले वीआईपी को ध्यान में रखते हुए सिटी मजिस्ट्रेट डॉ.अर्चना द्विवेदी से संपर्क कर बुक कराने के निर्देश दिए। वन क्षेत्र के सभी गेस्ट हाउसों का सुंदरीकरण करने के साथ-साथ ईको पर्यटन केंद्र चूका स्पॉट की हट को भी आकर्षक बनाने के लिए निर्देशित किया गया। जिलाधिकारी ने चूका स्पॉट के साथ-साथ गोमती स्थल को पर्यटन के रूप में बढ़ावा देने के लिए टाइगर रिजर्व के गाइडों को गोमती स्थल के बारे में जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण कराने के निर्देश दिए। यातायात की सुविधा के लिए वन निगम की गाड़ियों को उद्गम स्थल तक के मार्ग को अपने निर्धारित रूट में जोड़ने के निर्देश दिये। चूकाबीच स्पॉट में पर्यटकों के लिए चलाई जा रही कैंटीन में सुविधाएं बढ़ाने के लिए डीएफओ को निर्देशित किया। पर्यटन स्थलों के लिए वन निगम द्वारा चलाए जा रहे वाहन के परमिट का दायरा बढ़ाकर जनपद आस पास पर्यटन स्थलों तक कराने निर्देश एआरटीओ को दिए। इस मौके पर टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर डॉ.एच.राजामोहन, उप निदेशक आदर्श कुमार, प्रभारी मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट डॉ. अर्चना द्विवेदी, सामाजिक वानिकी के प्रभागीय निदेशक संजीव कुमार,एआरटीओ अमिताभ राय, टाइगर रिजर्व के एसडीओ प्रवीण खरे, रेंजर दिलीप श्रीवास्तव, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता, ¨सचाई विभाग के अधिशासी अभियंता, मण्डी सचिव, सीओ जहानाबाद आदि अधिकारी मौजूद रहे। प्राथमिकता से मिलेंगी गन्ने की पर्चियां

जिलाधिकारी ने बाघों के हमलों की हो रही घटनाओं को रोकने पर चर्चा की गई। जंगल क्षेत्र से लगे कृषि क्षेत्र में गन्ने का लेखपालों द्वारा सत्यापन कराकर किसानों को गन्ने की पर्चियां प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।


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