चूकाबीच की कैंटीन को बेहतर बनाने की कवायद
टाइगर रिजर्व की महोफ रेंज के ईको पर्यटन केंद्र चूकाबीच पर नए पर्यटन सत्र में कैंटीन की कवायद की जा रही है।
पीलीभीत : टाइगर रिजर्व की महोफ रेंज के ईको पर्यटन केंद्र चूकाबीच पर नए पर्यटन सत्र में कैंटीन को नए ढंग से संचालित किए जाने की संभावना है, जिससे टूरिस्टों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेगी। कैंटीन को नए ढंग से चलाने की दिशा में विभागीय अफसरों ने मंथन शुरू कर दिया है। आने वाले समय में सबकुछ साफ हो जाएगा।
टाइगर रिजर्व का जंगल पांच रेंजों माला, महोफ, हरीपुर, बराही, दियोरिया कलां में फैला हुआ है। जंगल को टाइगर रिजर्व का दर्जा नौ जून 2014 को मिला था। जंगल में पर्यटन सीजन 15 नवंबर से 15 जून तक रहता है। इस दौरान टूरिस्ट जंगल की सैर कर प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं। टाइगर रिजर्व की महोफ रेंज के ईको पर्यटन केंद्र चूकाबीच पर टूरिस्टों के लिए कैंटीन को मुस्तफाबाद वन समिति चला रही है। पिछले साल कैंटीन में सामान को लेकर टूरिस्टों के साथ अभद्र व्यवहार किया गया था। यह मामला पुलिस तक पहुंचा था। इसमें टाइगर रिजर्व की काफी फजीहत हुई थी। अब जब टाइगर रिजर्व का नया पर्यटन सीजन चालू होने में दो माह रह गए हैं। पर्यटन सीजन शुरू होने से पहले चूकाबीच की कैंटीन को नए ढंग से संचालित करने की कवायद शुरू हो गई है, क्योंकि पर्यटन की सारी जिम्मेदारी वन निगम के हवाले हैं। ऐसे में टूरिस्टों के हित में कोई भी फैसला लिया जा सकता है, जिससे टूरिस्टों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। कैंटीन को ठेके पर भी चलाया जा सकता है। टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर आदर्श कुमार का कहना है कि कैंटीन को व्यवस्थित ढंग से चलाने के प्रयास किए जाएंगे, जिससे किसी भी टूरिस्ट को कोई दिक्कत न हो। पर्यटन का सारा जिम्मा वन निगम के पास है।