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नियमों का उल्लंघन कर जंगल में चल रहीं जीपें

पीलीभीत : परिवहन नियमों का उल्लंघन कर पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल में टाइगर सफारी जीपों का संचालन क

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Jun 2018 11:38 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jun 2018 11:38 PM (IST)
नियमों का उल्लंघन कर जंगल में चल रहीं जीपें
नियमों का उल्लंघन कर जंगल में चल रहीं जीपें

पीलीभीत : परिवहन नियमों का उल्लंघन कर पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल में टाइगर सफारी जीपों का संचालन किया जा रहा है, जिस पर रोक नहीं लग पा रही है। इन जीपों के पास व्यवसायिक परमिट नहीं है। ऐसे में सरकार को टैक्स के रूप में चूना लगाने का काम किया जा रहा है।

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पर्यटन सीजन-2018 में टूरिस्टों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए वन संरक्षक ने टैक्सी ड्राइवरों और गाइडों की बैठक ली थी। टैक्सी मालिकों व ड्राइवरों को निर्देश दिए गए थे कि जीप का व्यवसायिक रजिस्ट्रेशन परिवहन विभाग से करा लिया जाए, जिससे किसी प्रकार की दिक्कत न आएगी। इसके बाद पर्यटन सीजन की शुरुआत हो गई। टाइगर रिजर्व में पर्यटन की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश वन निगम को सौपी गई, जबकि बाघ संरक्षण का कार्य टाइगर रिजर्व प्रशासन के पास है। वन निगम की टैक्सी परमिट की पांच जीपें चल रही हैं, जबकि पंद्रह जीपें निजी लगाई गई हैं। वर्तमान में पीलीभीत के नेहरू ऊर्जा उद्यान से टूरिस्टों को टाइगर सफारी जीप की सुविधा मिल रही है, लेकिन निजी जीपों को महोफ रेंज के महोफ व मुस्तफाबाद जंगल से संचालित किया जा रहा है। इन जीपों की नंबर प्लेट पर सफेद कलर पर काले नंबर लिखे हैं, जबकि टैक्सी परमिट की जीपों की नंबर प्लेट पीले कलर पर काले नंबर लिखे होते हैं। इस तरह जंगल के अंदर टूरिस्टों को घुमाने के लिए कुल 20 जीपें लगी हुई है, जिसमें सिर्फ पांच ही टैक्सी परमिट हैं। निजी जीपों के व्यवसायिक रूप में संचालन होने से सरकार को टैक्स के रूप में पर्यटन सीजन में लाखों का चूना लग रहा है। इस दिशा में वन निगम और टाइगर रिजर्व के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। पूरा पर्यटन सीजन निकल गया, लेकिन परिवहन विभाग में निजी जीपों का व्यवसायिक पंजीकरण कराने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। जंगल के अंदर बगैर व्यवसायिक परमिट के टाइगर सफारी जीपें दौड़ रही हैं। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी अमिताभ राय का कहना है कि अगर कोई जीप व्यवसाय में प्रयोग हो रही है तो उसे व्यवसायिक परमिट लेना जरूरी है। टाइगर रिजर्व के अंदर चलने वाली निजी जीपों के बारे में जानकारी की जाएगी। उसके बाद ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। नहीं तैनात हो पाए फील्ड आफीसर

प्रदेश शासन ने वन अधिकारियों के बड़े पैमाने पर तबादले किए थे, जिसमें पीलीभीत टाइगर रिजर्व के प्रभागीय वनाधिकारी कैलाश प्रकाश भी शामिल थे। तबादला चित्रकूट में डीएफओ पद पर किया गया। गाजीपुर में तैनात एच.राजामोहन को पीलीभीत टाइगर रिजर्व का फील्ड डायरेक्टर बनाया गया। अभी तक नए फील्ड डायरेक्टर ने चार्ज ग्रहण नहीं है। टाइगर रिजर्व के चौथे स्थापना दिवस पर भी फील्ड डायरेक्टर तैनात नहीं हो पाए।


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