टाइगर रिजर्व में जंगल के भीतर वाहनों की गति पर लगाम
जंगल के भीतर एक दिन पहले ही सेल्फी लेने पर प्रतिबंध के बाद अब पीलीभीत टाइगर रिजर्व ने वाहनों की गति के निर्देश जारी किए हैं।
पीलीभीत : जंगल के भीतर एक दिन पहले ही सेल्फी लेने पर प्रतिबंध के बाद अब पीलीभीत टाइगर रिजर्व ने वाहनों की रफ्तार पर भी लगाम लगा दी है। रिजर्व फॉरेस्ट के भीतर के रास्तों से वाहन अधिकतम 25 से 30 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से ही निकल सकेंगे। यह फैसला वन्य जीवों की सुरक्षा के मद्देनजर लिया है। रिजर्व प्रशासन ने नई गाइड लाइन जारी की है। नियम पालन के लिए सभी रेंजरों को निर्देश दे दिए हैं।
टाइगर रिजर्व के भीतर से जिले के कई क्षेत्रों का मार्ग है। रिजर्व प्रशासन के अनुसार अक्सर वाहन चालक जंगल की अपेक्षाकृत कम यातायात वाली सड़क पर तेज रफ्तार से निकलते हैं, जिससे कई बार जंगल के वन्यजीव चपेट में आ जाते हैं। घायल होने पर जीवों के भी राहगीरों पर हमलावर होने की आशंका रहती है। अगर कोई वाहन निर्धारित सीमा से अधिक रफ्तार से निकलते पाया गया तो उसके खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। वन्यजीवों की तस्वीर वाले चेतावनी बोर्ड
रिजर्व के भीतर बाघ, तेंदुआ, हिरण, मोर आदि वन्यजीव व पक्षी हैं। राहगीरों को चेतावनी के लिए इन वन्यजीवों की तस्वीर वाले चेतावनी बोर्ड लगाए जाएंगे। नए बोर्डो पर गति सीमा भी लिखी होगी। माधोटाडा, पूरनपुर, खटीमा मार्ग पर दो-दो साइन बोर्ड लगवाए जा रहे हैं। इन पर दिशा निर्देश के साथ ही रेंजर, टाइगर रिजर्व अधिकारियों के पदनाम व फोन नंबर भी लिखे होंगे। जंगल के भीतर से हैं यह प्रमुख मार्ग :: दूरी
माला रेंज से पीलीभीत-माधोटांडा मार्ग : आठ किमी (लगभग)
माला रेंज से पीलीभीत पूरनपुर मार्ग : आठ किमी
महोफ रेंज से पूरनपुर-खटीमा मार्ग : 12 किमी
रिजर्व की फॉरेस्ट रेंज : माला, महोफ, बराही, हरीपुर व दियोरिया कला हो चुके हैं यह अनचाहे हादसे
-अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में गजरौला कला में एक तेंदुआ की वाहन की चपेट में आने से मौत हुई थी
-कुछ माह पहले माधोटाडा रोड पर फिशिग कैट समेत कई वन्यजीव वाहनों की चपेट में आने से मरे थे
जंगल के अंदर के मार्गो पर गति सीमा निर्धारित कर दी है। अगर कोई वाहन चेकिंग के दौरान पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
-आदर्श कुमार, उपनिदेशक पीलीभीत टाइगर रिजर्व।