हरदोई नहर किनारे केसरपुर गांव में पहुंचा बाघ
पूरनपुर तहसील क्षेत्र मे कई दिनों तक आतंक मचाने के बाद बाघ फिर लौट कर हरदोई नहर किनारे केसरपुर गांव में देखा गया। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गई। बाघ के खतरे के मद्देनजर एक मकान की चारों ओर खाबरें लगवा कर घेराबंदी करा दी गई है।
पीलीभीत,जेएनएन: पूरनपुर तहसील क्षेत्र मे कई दिनों तक आतंक मचाने के बाद बाघ फिर लौट कर हरदोई नहर किनारे केसरपुर गांव में देखा गया। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गई। बाघ के खतरे के मद्देनजर एक मकान की चारों ओर खाबरें लगवा कर घेराबंदी करा दी गई है।
बराही के जंगल से बाहर निकला बाघ करीब दो माह से आबादी के आसपास घूम रहा है। सामाजिक विभाग के अधिकारियों ने बाघ को कैद करने के लिए सबसे पहले शाहगढ़ क्षेत्र में पिंजरे भी लगवाए तथा उनके अंदर बकरी और पड्डे को भी छोड़ा,लेकिन बाघ पिंजरे के पास बैठ कर भी अंदर नहीं गया। करीब दस दिनों तक शाहगढ़ में खन्नौत नदी क्षेत्र में रहने के बाद बाघ नधा ,सिसैया की ओर चला गया,जिसके बाद वह पूरनपुर तहसील के मनहरिया क्षेत्र में जा धमका। कई दिनों तक उस क्षेत्र में आतंक मचाने के बाद गुरुवार रात शाहगढ़ की ओर लौट आया तथा उसने घर लौट रहे रेलवे के मजदूरों पर झपट पड़ा। रात में ही बाघ हरदोई नहर रोड होता हुआ चान्दूपुर वाले पुल तक आ गया। सुबह बाघ को रोड में बैठा देख लोग ठहर गए तथा ग्रामीणों की भीड़ लग गई। सूचना पाते ही रेंजर मोहम्मद अयूब स्टाफ के साथ पहुंचे। उन्होंने बताया कि केसरपुर गांव के मनोज के मकान के काफी करीब ही बाघ झाड़ियों में है,इसलिए मकान के चारों ओर खाबरें लगवाई गई हैं। उन्होंने बताया कि बाघ काफी दिन बाद लौटा है। शायद जंगल की ओर वापस जा सकता है। ग्रामीणों को समूह में खेतों की ओर जाने के लिए कहा गया है।