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गैरतपुर जप्ती गांव से खांडेपुर पहुंचा बाघ

गजरौला जप्ती के पास गन्ने के खेत में सोमवार की दिन भर डेरा जमाए रहने के बाद रात में वन कर्मियों को गच्चा देकर तीन किमी. दूर गन्ने के खेत में पहुंच गया। चंदुईया और मनहरिया गांव के बीच में बाघ को पकड़ने के लिए पिजरा लगाया गया है। बाघ की दहशत को लेकर किसान खेतों में काम करने से कतरा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 11:48 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 11:48 PM (IST)
गैरतपुर जप्ती गांव से खांडेपुर पहुंचा बाघ
गैरतपुर जप्ती गांव से खांडेपुर पहुंचा बाघ

पीलीभीत,जेएनएन : गजरौला जप्ती के पास गन्ने के खेत में सोमवार की दिन भर डेरा जमाए रहने के बाद रात में वन कर्मियों को गच्चा देकर तीन किमी. दूर गन्ने के खेत में पहुंच गया। चंदुईया और मनहरिया गांव के बीच में बाघ को पकड़ने के लिए पिजरा लगाया गया है। बाघ की दहशत को लेकर किसान खेतों में काम करने से कतरा रहे हैं। मनहरिया गांव में एक सप्ताह से अधिक समय से दिखने वाला बाघ किसानों के लिए मुसीबत बन गया है। सोमवार को दिन में गैरतपुर जप्ती गांव के पश्चिम गन्ने के खेत में पूरे दिन बैठा रहा था। कल्यानपुर निवासी किसान जब्बार अहमद पर भी मारने की नियत से झपट्टा था। बमुश्किल युवक ने वहां से भागकर जान बचाई थी। अधिकारी और कर्मचारी दिन में उसकी मानीटरिग करते। रात के समय बाघ वहां से तीन किमी. दूर खांडेपुर निवासी गुरभाग सिंह के गन्ने में पहुंच गया। लोकेशन मिलने के बाद टीम वहां पहुंची। सामाजिक वानिकी प्रभाग के डीएफओ संजीव कुमार पहुंचे। उनकी मौजूदगी में गोमती किनारे चंदुईया और खांडेपुर गांव के बीच में पिजरा लगाया गया है। खांडेपुर में बकरी और मनहरिया में पड्डे को बांध गया है। बाघ के लगातार इस ओर से उस ओर तक विचरण करने से किसान काफी भयभीत हैं। उन्होंने खेतों पर काम करना बंद कर दिया है। डीएफओ ने बताया कि बाघ पिजरे में कैद न हो पाने की जानकारी पर लखनऊ के अधिकारियों ने पिजरों के पास दो दो कैमरे लगाने के लिए कहा है। बुधवार को दोनों जगह पिजरों के पास कैमरे लगाए जाएंगे। टीम बाघ की मानीटरिग की जुटी हुई है। उच्चाधिकारियों की तरफ से बाघ को ट्रैंक्युलाइज करने के आदेश नहीं मिले हैं।

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पिजरा न होता खराब तो उसी दिन पकड़ा जाता बाघ

तीन दिन पहले मनहरिया गांव में बाघ को कैद करने के लिए पिजरा लगाया गया था। बाघ पिजरे तक पहुंचा लेकिन पिजरा खराब होने के कारण वह उसमें कैद नहीं हो सका। खांडेपुर में भी जो पिजरा लगाया गया है वह भी खराब निकला। दो ढाई घंटे की मशक्कत के बाद पिजरा सही कर लगाया जा सका। करीब एक सप्ताह से लोग बाघ को लेकर से परेशान हैं। किसानों के सभी काम बंद हो गए हैं। मजदूर खेतों पर जाने से मना कर रहे हैं। रात रात भर घरों के चारों तरफ आग जलाकर अपनी सुरक्षा कर रहे हैं।

हरवंश सिंह

सुबह गेहूं की फसल में पानी भर रहा था। अचानक गोमती के किनारे से बाघ दिखाई दिया। इससे खेत पर जाने की हिम्मत नहीं पड़ रही है। बाघ के डर को लेकर गेहूं की फसल में पानी नहीं लग पा रहा है। इसके चलते फसल खराब हो रही है।

गुरमेज सिंह

करीब 12 दिनों से खेतों और घरों के पास बाघ घूम रहा है। कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। चार दिन पूर्व विभाग द्वारा पिजड़ा लगाया गया था लेकिन पिजड़ा खराब होने के कारण बाघ पिजड़े में कैद नहीं हो सका है। अधिकारियों को जल्द ही कोई उपाय करने चाहिए।

अमृतपाल सिंह

बाघ के डर के कारण रातों को नींद नहीं आ रही है। रात में घर की छत पर बैठकर बाघ की रखवाली करनी पड़ रही है। बाघ के डर से खेतों पर भी नहीं जा पाता हूं। गेहूं की फसल में खाद लगानी है। सभी काम प्रभावित हो रहे हैं।

हरपेज सिंह


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