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पीटीआर में जल्द सुनाई देगी नए शावकों की गुर्राहट

टाइगर रिजर्व का क्षेत्रफल भले ही छोटा हो लेकिन इसमें कोई शक नहीं की बंगाल टाइगर की प्रजाति बेखौफ वन अधिकारियों के सुरक्षा घेरे में फल फूल रही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 10:59 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 06:05 AM (IST)
पीटीआर में जल्द सुनाई देगी नए शावकों की गुर्राहट
पीटीआर में जल्द सुनाई देगी नए शावकों की गुर्राहट

पीलीभीत,जेएनएन : टाइगर रिजर्व का क्षेत्रफल भले ही छोटा हो लेकिन इसमें कोई शक नहीं की बंगाल टाइगर की प्रजाति बेखौफ वन अधिकारियों के सुरक्षा घेरे में फल फूल रही है।

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पिछले दिनों पीलीभीत टाइगर रिजर्व की एक रेंज से अलग-अलग समय में लगभग तीन साल की उम्र के बाघ और बाघिन को पकड़कर कानपुर चिड़ियाघर भेजा गया था। अब उन दोनों शावकों की मां पीटीआर में अपना कुनबा फिर बढ़ाने की तैयारी में है। अब फोटो के माध्यम से पता लगा है एक बार फिर से पीटीआर की किसी एक रेंज में वही बाघिन गर्भावस्था में विचरण कर रही है। शायद उसने दोनों शावकों को इसीलिए अपने से अलग कर दिया था कि उसके गर्भ में नए शावक जगह बना चुके है। कम उम्र में बाघ और बाघिन को शिकार की समझ न होने के कारण इंसानी बस्ती में हमला करने की सजा के तौर पर उन्हें चिड़ियाघर भेज दिया गया। बहरहाल वन अधिकारियों में एक बार फिर से खुशी देखी जा रही है। जब एक बाघिन गर्भावस्था में जंगल के मार्गो पर नजर आ रही है। इधर अधिकारियों का मानना है कि उसने अपना पुराना ठिकाना बदल कर जंगल के कई किलोमीटर दूर दूसरे छोर पर अपना एरिया बना लिया है। इधर, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर बिलाल मियां ने शहर से जंगल की ओर जा रहे एक मुख्य मार्ग से जंगल के भीतर घूम रही गर्भवती बाघिन के फोटो बहुत करीब से लिए। जब उन फोटो को पुराने फोटो से मिलाया गया तो पता लगा यह वही बाघिन है, जिसके दो शावक पिछले दिनों चिड़ियाघर भेजे गए थे। दरअसल दो अन्य गर्भवती बाघिन भी जंगल में गश्त के दौरान कर्मियों को दिखाई पड़ चुकी हैं। तीन बाघिन जल्द ही नए शावकों को जन्म देने वाली हैं।

दरअसल टाइगर का संभोग किसी भी समय हो सकता है। मानसून सीजन खत्म होने के बाद टूरिज्म सत्र शुरू हो जाएगा। शायद इस बार टूरिज्म सत्र शुरू होते ही नए जन्मे शावक बाहर से आने वाले टूरिस्टों को दिख सकें। इनसेट

गर्भवती बाघिन पर रखी जा रही है निगाह : राय

पीलीभीत टाइगर रिजर्व (माला) के एसडीओ उमेश चंद्र राय का कहना है जंगल के जिस हिस्से में गर्भवती बाघिन अपना डेरा जमाए हुए है, उस इलाके को कड़ी निगरानी में रखा गया है। स्टाफ ने 24 घंटे गर्भवती बाघिन पर निगाह रखे हुए है।

ऐसा नहीं है कि पूरे पीटीआर में एक ही बाघिन गर्भवती है। टाइगर रिजर्व के पूरे क्षेत्र से अच्छी खबर मिल रही है। एक साल में बाघिन द्वारा जने गए शावकों से पीटीआर गुलजार होगा।


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