हत्या के मामले में तीन आरोपितों को उम्रकैद
पीलीभीत आठ साल पहले ग्राम प्रधानी के चुनाव की रंजिश में हुई एक ग्रामीण की हत्या के मामल
पीलीभीत : आठ साल पहले ग्राम प्रधानी के चुनाव की रंजिश में हुई एक ग्रामीण की हत्या के मामले में विशेष सत्र न्यायाधीश (एससीएसटी एक्ट) ने महिला प्रधान के पति समेत तीन आरोपितों को दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही तीनों पर आयुध अधिनियम में अर्थदंड समेत तीन-तीन साल की अतिरिक्त सजा सुनाई।
थाना दियोरिया के गांव दियोराजपुर की गौरा देवी 29 अगस्त 2010 को पुलिस अधीक्षक को दिए प्रार्थना पत्र में कहा कि वह आने वाले ग्राम प्रधान चुनाव में उम्मीदवार है। उसके गांव के वर्तमान महिला प्रधान के पति ज्वाला प्रसाद व उनके साथियों ने उसके ससुर सुंदरलाल को धमकी दी है कि चुनाव में अपनी बहू को प्रत्याशी न बनाए। आरोप लगाया कि जातिसूचक गालियां देते हुए गोली मारने की भी धमकी दी। उसी रात डेढ़ बजे ज्वाला प्रसाद, केदारनाथ व नसीर अहमद ने घर में घुसकर उसके ससुर की गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या कर भागते हुए तीनों आरोपितों को गांव के पुत्तूलाल व राधेश्याम ने देखा। एसपी के निर्देश पर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना की। इसके उपरांत न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। सुनवाई के दौरान अभियोजन अधिकारी जगदीश प्रसाद वर्मा ने वादिनी समेत कई गवाह न्यायालय में पेश किए। दूसरी ओर आरोपितों ने खुद को निर्दोष होना बताया। न्यायाधीश ने पत्रावली का अवलोकन करने के साथ ही दोनों पक्षों को सुना। उन्होंने तीनों आरोपितों को दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही धारा 452 में दो-दो हजार रुपये जुर्माना भी लगाया।