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बुखार पीड़ित तीन और लोगों की मौत

पीलीभीत जिले में बुखार से पीड़ित तीन और लोगों की मौत हो गई। जानलेवा बुखार से अब तक दस लोगों की मौत हो चुकी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 11:27 PM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 11:27 PM (IST)
बुखार पीड़ित तीन और लोगों की मौत
बुखार पीड़ित तीन और लोगों की मौत

पीलीभीत : जिले में बुखार से पीड़ित तीन और लोगों की मौत हो गई। जानलेवा बुखार से अब तक दस लोग काल के गाल में समा चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें गांवों में पहुंचने लगी हैं। हालांकि कुछ ही गांवों पर अभी टीमों का फोकस है। बड़ी आबादी की सेहत झोलाछाप के सहारे ही है। मंगलवार को बीसलपुर में दो और पूरनपुर क्षेत्र में एक बुखार पीड़ित की मौत हुई है।

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बीसलपुर : क्षेत्र के गांव रोहनिया निवासी शराफत की पत्नी मेहरुल बेगम (35) पिछले कई दिनों से बुखार से पीड़ित थी। उपचार से कोई खास फायदा न होने पर परिजनों ने बरेली के एक अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया था। मंगलवार को उपचार के दौरान मौत हो गई। गांव बैवहा निवासी 10वीं के छात्र अरुण कुमार (15) पुत्र लाल बिहारी की भी बुखार से मौत हो गई। कई दिनों से पीड़ित चल रहा था। इनके अलावा रेलवे गौंटियां, रोहनिया, बैवहा समेत अन्य कई गांवों में दर्जनों लोग इस जानलेवा बुखार से पीड़ित होकर अपना इलाज करा रहे हैं।

पूरनपुर : क्षेत्र में इस समय वायरल फीवर फैला हुआ है। इसके चलते लोगों की ¨चता कम होने का नाम नहीं ले रही है। जिस घर में एक बीमार हुआ वहां पूरा का पूरा घर वायरल की चपेट में आ जा रहा है। इलाज के नाम पर कोई भी व्यवस्था नहीं है। बस लोग झोलाछाप के यहां इलाज कराने को मजबूर हो रहे हैं। कुर्रैया खुर्द कलां निवासी हरीशंकर के 20 वर्षीय पुत्र अवनीश की तबियत करीब एक सप्ताह पहले खराब हुई थी। वह स्टेशन रोड के एक डाक्टर के यहां उपचार कराता रहा। डाक्टर पहले तो उसे ठीक होने का झांसा देता रहा परंतु जब तबीयत काफी खराब हो गई तो डाक्टर ने हाथ खड़े कर लिए और पीलीभीत ले जाने की सलाह दी। वहां ले जाकर एक निजी डाक्टर के यहां युवक को भर्ती कराया गया परंतु युवक को बचाया नहीं जा सका। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के गांव में स्वास्थ्य केंद्र भी है पर वहां उपचार की समुचित व्यवस्था न होने से हालात खराब हो रहे हैं।

बुखार से पूरनपुर में हुई पांचवीं मौत

वायरल फीवर से करीब दो सप्ताह पहले पुन्नापुर गांव में तीन की मौत हो गई थी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग का पूरा फोकस घुंघचाई क्षेत्र पर चला गया। इसी बीच कलीनगर में सभासद के भाई बैदुल रहमान की दो दिन पूर्व मौत हो गई। मौत का सिलसिला यहीं पर नहीं थमा। आज पूर्व मंत्री के गांव कुर्रैया में एक युवक की मौत के बाद मरने वालों की संख्या पांच हो गई है। हर घर में मरीज घुंघचाई क्षेत्र तक ही सीमित टीमें

बुखार को लेकर जहां क्षेत्र में खलबली मची है, वहीं क्षेत्र के कुछ गांव में ही स्वास्थ्य शिविर लगाकर विभाग अपनी पीठ खुद थपथपा रहा है। कलीनगर व कुर्रैया में कोई कैंप नहीं लगाया गया। सभी को एक ही तरह की लाल पीली गोलियां देकर काम चलाया जा रहा है।

एक पखवाड़े में घुंघचाई क्षेत्र और बाढ़ ग्रस्त के कुछ इलाकों में ही शिविर लगाए जा सके है। इन शिविरों पर एक तरह की दवा से कई रोगों का उपचार किया जा रहा है।

संक्रमित बुखार पूरे क्षेत्र में फैला हुआ है। हर एक घर में एक व्यक्ति बुखार से पीड़ित है। कुछ ही दिन में घर के सभी सदस्य बुखार की चपेट में आ जाते हैं। सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या घटने के बजाय निरंतर बढ़ती जा रही है। वहीं स्वास्थ्य विभाग गंभीर होने के बजाय घोर लापरवाही बरत रहा है।

नगर के अलावा सभी गांवों में बुखार से त्राहि त्राहि मची हुई है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग इन गांवों में अभी तक दवा उपलब्ध नहीं करा सका है। बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र के कुछ गांव में स्वास्थ्य विभाग की ओर से शिविर लगाए गए वहीं पुन्नापुर में तीन बच्चों की मौत के बाद भी विभाग घुंघचाई में ही शिविर लगाकर सिमट गया। घुंघचाई : मौसम में परिवर्तन होते ही कई गांव में लोगों को बीमारियों ने अपनी गिरफ्त में ले रखा है।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीण अंचलों में बीमारियों के निदान के लिए विभाग की ओर से समुचित व्यवस्था ना होने के कारण रोगियों का उत्पीड़न झोलाछाप द्वारा बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। रोगियों के लिए एक ही तरह से दवाइयां दी जा रही है। इससे रोगों की जड़ें मजबूत हो रही है। जोगराजपुर : इलाके में वायरल फीवर से हर घर में कोई न कोई बीमार है। कुर्रैया का अस्पताल दिखावा साबित हो रह है। आयुर्वेदिक अस्पतालों की हालत पहले से ही खस्ता है। लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार गांवों में पहुंच रही हैं। यह बुखार वायरल ही है। परिवार में अगर किसी एक को बुखार आ जाए तो अन्य लोगों को उसके संपर्क से दूर रखना चाहिए। टीमें गांवों में मरीजों को दवाइयां देने के साथ ही उनके परिजनों को जागरूक भी कर रही हैं।

-डॉ. सीमा अग्रवाल, सीएमओ।


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