तीसरी आंख करेगी टाइगर रिजर्व की निगरानी
टाइगर रिजर्व के अधीन आने वाले जंगल के अंदर और उसके रास्तों पर अब तीसरी आंख की निगरानी रहेगी। सभी स्थानों पर कैमरे लगवाए जा रहे हैं। हर तरह की गतिविधियों पर विभागीय अधिकारी सीधी नजर रख सकेंगे। सड़कों पर निकल आने वाले वन्य जीव अक्सर वाहनों की चपेट में आ जाते हैं। कैमरे लगे होने से पता चल जाएगा कि किस वाहन ने वन्य जीव को टक्कर मारी है।
पीलीभीत : टाइगर रिजर्व के अधीन आने वाले जंगल के अंदर और उसके रास्तों पर अब तीसरी आंख की निगरानी रहेगी। सभी स्थानों पर कैमरे लगवाए जा रहे हैं। हर तरह की गतिविधियों पर विभागीय अधिकारी सीधी नजर रख सकेंगे। सड़कों पर निकल आने वाले वन्य जीव अक्सर वाहनों की चपेट में आ जाते हैं। कैमरे लगे होने से पता चल जाएगा कि किस वाहन ने वन्य जीव को टक्कर मारी है। पहचान करने के बाद उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पीलीभीत पूरनपुर रोड, माधोटांडा रोड और माधोटांडा-खटीमा रोड पर सड़क के दोनों ओर टाइगर रिजर्व का जंगल फैला हुआ है। अक्सर विभिन्न तरह के वन्य जीव एक ओर से जंगल से निकलकर दूसरी ओर के जंगल में पहुंचने के लिए सड़क पार करते हैं। कई बार तेज रफ्तार वाहन वन्य जीव को कुचलते हुए निकल जाते हैं। कैमरे लग जाने के बाद जो भी वाहन वन्य जीव को टक्कर मारेगा तो उसकी पहचान कैमरे से माध्यम से हो जाएगी। जंगल किनारे भी कैमरे लगाए जा रहे हैं। जंगल में अवैध रूप से घुसपैठ करके जलौनी लकड़ी, घास के साथ ही अन्य वन संपदा चुराने वालों पर नजर रहेगी। साथ ही अगर कोई शिकारी जंगल में प्रवेश करता है तो कैमरे में देखकर तुरंत गश्ती दल को अलर्ट किया जा सकेगा। इन सभी कैमरों में कैद होने वाली गतिविधियों को विभागीय अधिकारी अपने कार्यालय में बैठे-बैठे ही मोबाइल पर देख सकेंगे।
वन संपदा और वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए कैमरे लगवाए जा रहे हैं। कैमरे कहां-कहां पर लग रहे हैं, इसे सुरक्षा कारणों से उजागर नहीं किया जा सकता। कैमरे लगाने का फायदा यह होगा कि वन एवं वन्य जीव अपराध करने वालों की पहचान हो सकेगी। साथ ही इसे कोर्ट में साक्ष्य के तौर पर भी प्रस्तुत किया जा सकेगा।
-एच. राजामोहन, फील्ड डायरेक्टर पीलीभीत टाइगर रिजर्व। कैमरे में नहीं कैद हुई वन्यजीव की तस्वीर
बरखेड़ा ब्लॉक क्षेत्र के गांव खजुरिया पचपेड़ा में जहां पिछले दिनों एक बाघिन ने दो लोगों पर हमला करके घायल कर दिया था और फिर ट्रैंकुलाइज करके उसे पिजरे में कैद किया गया था। उसी स्थान पर खेतों में शावक घूमते देखे जाने की बात ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों को बताई थी। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की ओर से वहां चार कैमरे लगाए गए थे लेकिन उन कैमरों में अभी तक किसी वन्य जीव की तस्वीर कैद नहीं हुई है।