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राहुलनगर में कटान रोकने को परकोपाइन लगने का काम शुरू

पहाड़ी और मैदानी क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से शारदा का जलस्तर बढ़ने के साथ ढक्काचांट खिरकिया बरगदिया गांवों की सड़कों पर पानी चलने से चौपहिया वाहन नहीं निकल सके। सड़कों पर पानी आने से आवागमन करने में लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। अगर रात के समय बरसात हुई तो पानी और बढ़ सकता है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 11:10 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 11:10 PM (IST)
राहुलनगर में कटान रोकने को परकोपाइन लगने का काम शुरू
राहुलनगर में कटान रोकने को परकोपाइन लगने का काम शुरू

पीलीभीत,जेएनएन : पहाड़ी और मैदानी क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से शारदा का जलस्तर बढ़ने के साथ ढक्काचांट, खिरकिया बरगदिया गांवों की सड़कों पर पानी चलने से चौपहिया वाहन नहीं निकल सके। सड़कों पर पानी आने से आवागमन करने में लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। अगर रात के समय बरसात हुई तो पानी और बढ़ सकता है।

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बरसात से मैदानी क्षेत्रों में पानी लगातार बढ़ रहा है। नाले और नदियों के किनारे खेतों में पानी पिछले दो दिनों से चल रहा है। गोमती नदी में भी बेहद तीव्रता के साथ पानी चल रहा है। निचले खेत डूब गए हैं। पहाड़ी क्षेत्र में हुई बारिश से शारदा नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। शारदा नदी के किनारे पर बसे गांव खिरकिया बरगदिया, कॉलोनी नंबर 6, ढक्काचांट, चंदिया हजारा गांव को जाने वाली सड़कों पर पानी वह रहा है। दो पहिया वाहन चालकों को पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है। चौपहिया वाहन पानी बढ़ने से नहीं निकल सके। आशंका जताई जा रही है कि अगर बरसात हुई तो पानी और भी बढ़ सकता है। नदी के किनारे पर बसे गांव राहुल नगर वासियों में पानी बढ़ने को लेकर दिक्कत हो सकती है।

राहुलनगर में कुछ दिन पहले एसडीएम ने बाढ़ खंड के अभियंताओं के साथ मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया था। जल्द ही बचाव कार्य करने को सहमति भी बनी थी। बुधवार को बाढ़ खंड के एसडीओ ध्रुव नरायण शुक्ल, अवर अभियंता पीडी मौर्या, तरुण कुमार मौके पर पहुंचे। अधिशासी अभियंता शैलेश कुमार ने बताया कि वहां परकोपाइन का काम शुरू करा दिया गया है। टीम की निगरानी में काम किया जाएगा। निचले इलाकों में गन्ने की फसल को नुकसान

चंदिया हजारा, ढक्का चांट, खिरकिया बरगदिया गांव पीलीभीत टाइगर रिजर्व से सटे हुए हैं। यह निचले स्थल पर भी आते हैं। इसके चलते बरसात में यहां पानी की अधिकता हो जाती है। वर्तमान समय में यहां गन्ने की फसल डूबी हुई है। जिन किसानों ने गेहूं कटाई के बाद खेतों में गन्ना लगाया है वह खेत इस पानी से बेहद प्रभावित हुए हैं। उपज भी यहां कम होने की आशंका है।


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