वन्यजीवों के लिए संरक्षित होगा लग्गा-भग्गा कॉरिडोर
पड़ोसी देश नेपाल के शुक्ला फांटा नेशनल पार्क से पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल से होते हुए लखीमपुर खीरी के दुधवा नेशनल पार्क की किशनपुर सेंक्चुरी तक के कॉरिडोर को वन्यजीवों के लिए संरक्षित किया जाएगा। इसके लिए वन विभाग और विश्व प्रकृति निधि ने मिलकर योजना तैयार की है। इसे शासन में भेजा गया है। अनुमोदन मिलने के लग्गा भग्गा कॉरिडोर के जरिये वन्यजीवों का एक से दूसरे जंगल में विचरण निर्बाध शुरू हो जाएगा।
पीलीभीत ,जेएनएन : पड़ोसी देश नेपाल के शुक्ला फांटा नेशनल पार्क से पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल से होते हुए लखीमपुर खीरी के दुधवा नेशनल पार्क की किशनपुर सेंक्चुरी तक के कॉरिडोर को वन्यजीवों के लिए संरक्षित किया जाएगा। इसके लिए वन विभाग और विश्व प्रकृति निधि ने मिलकर योजना तैयार की है। इसे शासन में भेजा गया है। अनुमोदन मिलने के लग्गा भग्गा कॉरिडोर के जरिये वन्यजीवों का एक से दूसरे जंगल में विचरण निर्बाध शुरू हो जाएगा।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व की बराही रेंज के अंतर्गत आने वाला लग्गा भग्गा वन क्षेत्र की सीमा पड़ोसी देश नेपाल के शुक्ला फांटा नेशनल पार्क के जंगल से सटी है। दूसरी ओर उत्तराखंड के सुरई रेंज और दुधवा नेशनल पार्क की किशनपुर सेंक्चुरी की सीमा से भी यहां का जंगल जुड़ा हुआ है। नेपाल के शुक्ला फांटा जंगल की सीमा से लेकर लग्गा भग्गा क्षेत्र होते हुए किशनपुर सेंक्चुरी तक करीब 60 किमी लंबा कॉरिडोर है। इस कॉरिडोर से वन्यजीव एक जंगल से दूसरे जंगल तक विचरण करते हैं। ऐसे में वन्यजीवों के स्वच्छंद विचरण में किसी तरह की बाधा आती है तो वह भटककर आबादी की ओर पहुंच जाते हैं। इसीलिए इस कॉरिडोर को लंबे समय से संरक्षित किए जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। पिछले दिनों विश्व प्रकृति निधि, टाइगर रिजर्व, किशनपुर सेंक्चुरी, उत्तराखंड की सुरई रेंज व विश्व प्रकृति निधि के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से इस बात का अध्ययन किया कि कॉरिडोर में किस तरह के वन्यजीवों का मूवमेंट कैसा है। वन्यजीव कहां से कहां तक जाते आते हैं। इस अध्ययन के बाद ही वन विभाग और विश्व प्रकृति निधि ने कॉरिडोर के संरक्षण के लिए योजना तैयार की है। कॉरिडोर से गुजरते हैं ये वन्यजीव
संयुक्त अध्ययन से पता चला है कि लग्गा भग्गा कॉरिडोर से नेपाल के हाथी, दुधवा की किशनपुर सेंक्चुरी से गैंडा, बाघ, पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल से बाघ, बारहसिघा मुख्य तौर पर गुजरते रहते हैं। कॉरिडोर में वन्यजीवों के मूवमेंट का संयुक्त रूप से अध्ययन किए जाने के बाद वन विभाग व विश्व प्रकृति निधि की ओर से योजना तैयार करके शासन को भेजी गई है। शासन से अनुमोदन मिलने के बाद इसे घोषित करके आगे काम शुरू किया जाएगा।
डा. मुदित गुप्ता, वरिष्ठ समन्वयक, विश्व प्रकृति निधि (भारत) नेपाल के शुक्ला फांटा, दुधवा की किशनपुर सेंक्चुरी, उत्तराखंड की सुरई रेंज और पीलीभीत टाइगर रिजर्व के अधिकारियों के बीच गत माह हुई वर्चुअल वर्कशाप में इस बात की सहमति बन चुकी है कि आपस में वन्यजीवों के संरक्षण एवं सुरक्षा के लिए मिलकर काम किया जाएगा। इस बाबत आपस में सूचनाओं का आदान प्रदान किया जाएगा। लग्गा भग्गा कॉरिडोर को संरक्षित करने के लिए प्लान शासन को अनुमोदन के लिए भेजा जा चुका है।
नवीन खंडेलवाल, प्रभागीय वनाधिकारी, पीटीआर