Move to Jagran APP

दो बार लग चुकी क्लोजर रिपोर्ट, अब फिर गर्माया मामला

पीलीभीतजेएनएन पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सुल्तानपुर से सांसद मेनका संजय गांधी से जुड़े 20 वर्ष पुराने मामले ने फिर तूल पकड़ लिया है। पूर्व विधायक एवं किसान नेता वीएम सिंह ने उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी जिसमें सीबीआइ दो बार क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर चुकी। वीएम सिंह इसके बावजूद पीछे नहीं हटे। उनकी याचिका पर सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआइ से जवाब मांगा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 11:06 PM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 11:06 PM (IST)
दो बार लग चुकी क्लोजर रिपोर्ट, अब फिर गर्माया मामला
दो बार लग चुकी क्लोजर रिपोर्ट, अब फिर गर्माया मामला

पीलीभीत,जेएनएन: पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सुल्तानपुर से सांसद मेनका संजय गांधी से जुड़े 20 वर्ष पुराने मामले ने फिर तूल पकड़ लिया है। पूर्व विधायक एवं किसान नेता वीएम सिंह ने उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी, जिसमें सीबीआइ दो बार क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर चुकी। वीएम सिंह इसके बावजूद पीछे नहीं हटे। उनकी याचिका पर सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआइ से जवाब मांगा है।

loksabha election banner

यह प्रकरण वर्ष 2000 का है। पीलीभीत की तत्कालीन सांसद एवं केंद्रीय न्याय एवं सामाजिक अधिकारिता मंत्री मेनका संजय गांधी ने मंत्रालय के अधीन मौलाना आजाद फाउंडेशन के जरिये अपनी बहन के एनजीओ गांधी रूरल वेलफेयर ट्रस्ट को 50 लाख रुपये की धनराशि दी थी। उनके रिश्ते के भाई वीएम सिंह ने आरोप लगाया था कि एनजीओ ने सरकारी जमीन को अपनी संपत्ति दर्शाया। वर्ष 2001 में उनकी शिकायत पर मुख्य सतर्कता आयुक्त ने सीबीआइ जांच कराने की सिफारिश की थी। दो वर्ष तक सीबीआइ ने कुछ नहीं किया तो वीएम सिंह ने वर्ष 2003 में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की। वीएम सिंह के अनुसार, इसके बाद अक्तूबर 2003 में सीबीआइ ने दिल्ली हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश की और वर्ष एफआइआर दर्ज की थी।

सीबीआइ ने कहा था, गड़बड़ी नहीं हुई

वर्ष 2008 में सीबीआइ ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करते हुए कहा था कि प्रकरण में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई। वीएम सिंह ने फिर हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी। वर्ष 2010 में हाईकोर्ट ने सीबीआइ को दोबारा जांच का आदेश दिया। इस पर जवाब आया कि दोबारा जांच का प्रविधान नहीं है। दो वर्ष तक प्रकरण लंबित रहा। इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआइ ने अतिरिक्त जांच शुरू की, जिसमें वर्ष 2015 में दोबारा क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी गई।

खारिज कर दी गई थीं दोनों रिपोर्ट

वर्ष 2019 में हाईकोर्ट ने सीबीआइ की दोनों क्लोजर रिपोर्ट खारिज करते हुए कहा कि सांसद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। इस पर सीबीआइ का जवाब था कि सरकार की अनुमति के बाद ही ऐसा संभव है। अब वीएम सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सरकार से मंजूरी लेने की बात को चुनौती दी है। सोमवार को दायर याचिका में उन्होंने कहा कि फौजदारी का मुकदमा चलाने के लिए सीबीआइ को सरकार की मंजूरी की जरूरत नहीं होती। अब इस पर सुनवाई होनी है।

---- -

भ्रष्टाचार के मामले में हम पिछले 20 वर्ष से लड़ रहे हैं। सीबीआई तो इस गंभीर मामले में दो बार क्लोजर रिपोर्ट लगा चुकी है। सोमवार को हमारी याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआइ से जबाव मांगा है। - वीएम सिंह, पूर्व विधायक एवं किसान नेता, पीलीभीत

-------------

मामला काफी पुराना लग रहा है। अभी तक मेरे संज्ञान में इस तरह का कोई प्रकरण नहीं है।

- पुलकित खरे, डीएम


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.