आंदोलनकारी किसानों ने निकाली ट्रैक्टर रैली
कृषि कानून के विरोध में गुरुवार को सैकड़ों ट्रैक्टर लेकर किसानों ने नगर में रैली निकाली। प्रशासन ने उन्हें सिरसा चौराहा पर रोकने का भी प्रयास कियालेकिन किसान नहीं माने और नगर में प्रवेश कर गए। इससे प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए। असोम चौराहा पर ज्ञापन देने के बाद किसान 20 जनवरी को दिल्ली जाने की बात कहकर घर रवाना हुए। रैली के मद्देनजर वहां भारी फोर्स तैनात की गई।
पीलीभीत,जेएनएन : कृषि कानून के विरोध में गुरुवार को सैकड़ों ट्रैक्टर लेकर किसानों ने नगर में रैली निकाली। प्रशासन ने उन्हें सिरसा चौराहा पर रोकने का भी प्रयास किया,लेकिन किसान नहीं माने और नगर में प्रवेश कर गए। इससे प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए। असोम चौराहा पर ज्ञापन देने के बाद किसान 20 जनवरी को दिल्ली जाने की बात कहकर घर रवाना हुए। रैली के मद्देनजर वहां भारी फोर्स तैनात की गई। एडीएम वित्त एवं राजस्व अतुल सिंह समेत अन्य अधिकारी भी लगातार मॉनीटरिग करते रहे।
गुरुवार को सुबह से ही किसान पूरनपुर खुटार हाईवे के कजरी निरंजनपुर और गोमती पुल पर एकत्र होने लगे। पूर्वाह्न करीब 11 बजे कजरी से निकलकर रैली में गढ़वाखेड़ा, बारी बुझिया, भोपतपुर, कढ़ेरचैरा गांवों के किसान अपने ट्रैक्टर लेकर शामिल हो गए। इसकी जानकारी पर प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी गढ़़वाखेड़ा पहुंचे और उन्हें मनाने का प्रयास किया लेकिन वे नहीं माने। वाहनों का काफिला पूरनपुर की तरफ रवाना हो गया। इसमें सैकड़ों ट्रैक्टर ट्राली पर किसान सवार थे। मोहनपुर गुरुद्वारे पर पहुंचते ही करीब दो किमी. लंबी वाहनों की लाइन हो गई। दो बजे वाहनों का काफिला नगर के सिरसा चैराहा पर पहुंचा। इसके बाद घुंघचाई चौराहा पर गोमती पुल के पास एकत्र हुए किसान अपने ट्रैक्टर ट्राली लेकर आ गए। बड़ी संख्या में वाहन और किसान होने से जिले भर का पुलिस फोर्स पूरनपुर में लगा दिया गया। घुंघचाई चौराहा पर प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने गोमती पुल की तरफ से आए वाहनों को सिरसा चौराहे की तरफ न जाने का प्रयास किया लेकिन यहां भी वह अधिकारी सफल नहीं हो सके। सभी वाहन और किसान पुलिस के विरोध के बावजूद नारेबाजी करते हुए कोतवाली की तरफ बढ़ने लगे। बड़ी संख्या में किसान पैदल ही तहसील की ओर चल दिए। पीछे वाहनों का काफिला भी था। इससे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए। किसान रेलवे स्टेशन रोड होते हुए माधोटांडा रेलवे क्रासिग पर पहुंचे। खमरिया चुंगी से जायसवाल कालोनी वाले मार्ग से बंडा डिवाइडर रोड होते हुए घुंघचाई चौराहा पर एकत्र हुए। वहां उपजिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद को ज्ञापन सौंपा गया। रैली भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में निकाली गई। भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने भी समर्थन कर हिस्सा लिया। प्रमुख रूप से भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष मंजीत सिंह, स्वराज सिंह, लालू मिश्र, हरजिदर सिंह कजरी, मनदीप सिंह कजरी, बलकार सिंह, रामकुमार प्रजापति, सईद खां, देवीदयाल, देवाषीष राय किसान मौजूद रहे। शाम चार बजे के करीब पुलिस अधीक्षक जयप्रकाश ने पूरनपुर पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। इस दौरान अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. पवित्र मोहन त्रिपाठी, एसडीएम राजेंद्र प्रसाद, सीओ प्रमोद कुमार भारी फोर्स के साथ मौजूद रहे। ये हैं मांगें
किसानों की तरफ से प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी को सौंपकर कहा गया कि कृषक उपज, वाणिज्य और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तीनों अध्यादेश तत्काल वापस लिए जाए। एमएसपी का कानून बनाया जाए। एमएसपी से नीचे खरीद करने पर अपराध की श्रेणी में शामिल हो। पंजाब और अन्य राज्यों की तरह किसानों को बिजली मुफ्त या फिर कम दरों पर दी जाए। किसानों के परिवार का भरण पोषण करने के लिए प्रत्येक किसान को पेंशन दी जाए। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू हो। कृषि उत्पादन मंडी समितियों एवं मंडी समितियों से बाहर व्यापारियों पर मंडी शुल्क समान लागू किए जाए। आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत खाद्यान्न भरण की क्षमता तय करने और अवैध जमाखोरी पर प्रतिबंध लगाने, गन्ना किसानों का पिछले वर्ष का बकाया भुगतान ब्याज सहित दिलाने, नए सत्र का 14 दिन में भुगतान कराने की मांग की गई।