हत्यारोपित सुनील की अधिकारियों तक थी पहुंच
कंचन मिश्रा हत्याकांड में गिरफ्तार होकर जेल जा चुके हत्यारोपित सुनील शास्त्री ने शहर में अपनी पहचान धार्मिक अनुष्ठान कराने वाले पुरोहित के तौर पर बना रखी थी। वह शहर के प्रभावशाली लोगों के साथ ही पुलिस अधिकारियों तक के लिए धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराने के लिए उनके घरों पर अक्सर जाया करता था।
पीलीभीत,जेएनएन : कंचन मिश्रा हत्याकांड में गिरफ्तार होकर जेल जा चुके हत्यारोपित सुनील शास्त्री ने शहर में अपनी पहचान धार्मिक अनुष्ठान कराने वाले पुरोहित के तौर पर बना रखी थी। वह शहर के प्रभावशाली लोगों के साथ ही पुलिस अधिकारियों तक के लिए धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराने के लिए उनके घरों पर अक्सर जाया करता था। गिरफ्तारी के बाद जब उसकी असलियत सामने आई तो अधिकारी भी हैरान रह गए।
सुनगढ़ी थाना क्षेत्र में रहने वाले सुनील की अपने मुहल्ले से लेकर पूरे शहर में एक पुरोहित के तौर पर पहचान रही है। आसपास रहने वालों ने भी कभी उसके चरित्र पर संदेह नहीं किया। बरेली के सुभाषनगर थाना क्षेत्र के करगैना गांव निवासी कंचन मिश्रा के साथ दूसरी शादी की थी। वह पहले से ही विवाहित था, लेकिन उसकी पहली पत्नी भोजीपुरा की रहने वाली सीमा थी लेकिन दोनों के बीच विवाद होने के बाद सीमा उसे छोड़कर मायके में रहने लगी। इसके बाद ही उसने कंचन को जाल में प्रेमजाल में फंसा लिया था। कंचन का शोषण करता रहा। जब उसने शादी करने का दबाव बनाना शुरू किया तो सुनील को यह बात खटकने लगी। वह कंचन को रास्ते से हटाने की योजना बनाने लगा। सीमा जो उसे छोड़ गई थी, वह फिर पति के पास आ गई। दोनों ने मिलकर कंचन को रास्ते से हटाने की साजिश रची थी। 30 अक्टूबर को जब बरेली के बिशारतगंज के मोड़ पर झाड़ियों में कंचन का शव मिला था, तब सुनगढ़ी थाने में बुलाकर पुलिस ने सुनील से पूछताछ की थी। बाद में जब घटना का मुकदमा बरेली जिले में दर्ज हो गया तो यहां की पुलिस ने इस मामले में दखल नहीं दिया। बरेली की पुलिस ही उसे गिरफ्तार करके ले गई थी। अब मुहल्ले से नागरिकों से लेकर अधिकारी तक यह सोचकर हैरान हैं कि सुनील शास्त्री ऐसा कृत्य भी कर सकता है। हालांकि इस मामले में कोई अधिकारी खुलकर कुछ बोलने को तैयार नहीं है।