अभी खेतों में खड़ा है गन्ना लाखों क्विंटल गन्ना
सहकारी चीनी मिल के बार बार तकनीकि खराबी से बंद होने से किसानों के आगे गन्ना बिक्री की विषम समस्या उत्पन्न होने लगी है। खेतों में खड़े लाखों क्विंटल गन्ने की पेराई कैसे होगी इसकी उन्हें चिता सताने लगी है। मिल किस समय दगा दे दे यह कहा नहीं जा सकता।
पूरनपुर (पीलीभीत) : सहकारी चीनी मिल के बार बार तकनीकि खराबी से बंद होने से किसानों के आगे गन्ना बिक्री की विषम समस्या उत्पन्न होने लगी है। खेतों में खड़े लाखों क्विंटल गन्ने की पेराई कैसे होगी इसकी उन्हें चिता सताने लगी है। मिल किस समय दगा दे दे यह कहा नहीं जा सकता। मिल प्रबंधन पेराई के लिए किसी भी समय हाथ खड़ा कर सकता है।
सहकारी चीनी मिल में लगे प्लांट की माली हालत किसी से छुपी नहीं है। बार बार तकनीकि खराबी से मिल बंद होना किसानों के लिए अच्छे संकेत नहीं है। मिल की तकनीकि खराबी के कारण ही किसानों के गन्ने की पेराई इस बार काफी पिछड़ गई है। निजी चीनी मिलों अपने परिक्षेत्र के अधिकांश गन्ने की पेराई कर चुकी हैं लेकिन सहकारी मिल परिक्षेत्र में अभी लाखों क्विंटल गन्ना खेतों में खड़ा है। गेट के किसान धीमी गति से पेराई करने से काफी परेशान हैं। कई कई दिन तक उन्हें मिल में अपने अपने को खड़ा रखना पड़ता है। मिल प्रबंधन शिकायत करने के बाद भी कोई ध्यान नहीं दे रहा है। परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
खेत में 12 ट्राली गन्ना खड़ा है। अभी तक सिर्फ चार पर्ची मिल सकी हैं। मिल की पेराई क्षमता को लेकर काफी परेशान हैं। कई कई दिन तक वाहनों का खड़ा कर तौलवाना पड़ रहा है।
जीत सिंह
चीनी मिल गेट पर गन्ना तुलवा रहा हूं। चीनी मिल अक्सर खराब हो जाती है। इसके चलते पूरी रात गुजारनी पड़ती है। 70 से 80 घंटे में गन्ना भरा वाहन तुल पाता है।
भीमसेन
चीनी मिल चले हुए कई माह का समय बीत चुका है। इस बीच उन्हें सिर्फ एक ही पर्ची गन्ने की प्राप्त हुई है। लगातार चीनीमिल अधिकारियों के दफ्तरों का चक्कर काट रहा हूं।
लीलाराम इस बार गन्ना डालने में जितनी समस्या हो रही है। पिछली बार कभी भी नहीं हुई। सिर्फ दो पर्ची मिली। गन्ना खेतों में खड़ा है। गर्मी शुरू हो गई है। खेतों में गन्ना सूखने लगा है।
श्याम बिहारी चीनी मिल में प्लांट पुराना होने से बार बार बंद होने की दिक्कत आ रही है। किसान धैर्य बनाए रखे। किसानों के सम्पूर्ण गन्ने की पेराई होने के बाद ही मिल बंद की जाएगी।
-एके भट्ट, सीसीओ सहकारी चीनी मिल पूरनपुर।