विज्ञान साहित्य हिदी में उपलब्ध कराने के पक्षधर थे वैज्ञानिक यशपाल
समाधान विकास समिति विपनेट क्लब के तत्वावधान में मंगलवार को शमशुल हसन खान पब्लिक स्कूल में जाने भारत की श्रेष्ठ वैज्ञानिक परंपरा कार्यक्रम के अंतर्गत प्रतिष्ठित वैज्ञानिक प्रोफेसर यशपाल की जयंती के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किया गया।
जागरण संवाददाता, पीलीभीत: समाधान विकास समिति विपनेट क्लब के तत्वावधान में मंगलवार को शमशुल हसन खान पब्लिक स्कूल में जाने भारत की श्रेष्ठ वैज्ञानिक परंपरा कार्यक्रम के अंतर्गत प्रतिष्ठित वैज्ञानिक प्रोफेसर यशपाल की जयंती के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रोफेसर यशपाल को नमन वंदन और स्मरण कर किया गया। विद्यालय की विज्ञान संचारिका उर्मिला देवी ने बताया कि 26 जनवरी 1924 को जन्मे प्रोफेसर यशपाल विज्ञान साहित्य हिदी में उपलब्ध कराने के पक्षधर थे। 1973 में स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के डायरेक्टर रहे। भारत के अंतरिक्ष कार्य का जनक कहा जाता है। इन्होंने कॉस्मिक किरणों का विशेष अध्ययन किया। बच्चों पर बस्ते के बढ़ते बोझ को कम करने के लिए आपने सरकार का ध्यान आकर्षित किया। ओवरबर्डन कमेटी का गठन किया गया तथा आपने लर्निंग विदाउट बर्डन रिपोर्ट सरकार के समक्ष प्रस्तुत की। 2009 में विज्ञान लोकप्रिय करण को उन्हें यूनेस्को के कलिग पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1976 तथा 2013 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। वह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के उप कुलपति तथा यूजीसी के मुखिया रहे। समन्वयक लक्ष्मीकांत शर्मा ने आओ करेंगे नवाचार कार्यक्रम के अंतर्गत नवाचार का अर्थ बताते हुए विभिन्न नवाचारों से अवगत कराया गया तथा वर्तमान में नवाचारों के महत्व से अवगत कराते हुए नवाचार करने के लिए प्रेरित किया। मुबशिरा व निहारिका को श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए प्रशस्ति पत्र व पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रबंधिका कैसर जहां, समीर अली, साजिया तथा नूर बी आदि मौजूद रहीं।